फ्लिपकार्ट ने मिनिवेट AI में मेजोरिटी स्टेक हासिल किया

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फ्लिपकार्ट ने मिनिवेट AI में मेजोरिटी स्टेक हासिल किया
22 Dec 2025
7 min read

News Synopsis

वॉलमार्ट के स्वामित्व वाली ईकॉमर्स कंपनी Flipkart ने भारतीय जेनरेटिव एआई स्टार्टअप Minivet AI में बहुमत हिस्सेदारी खरीदने के लिए पक्की डील साइन कर ली है, इस सौदे की रकम सार्वजनिक नहीं की गई है, लेकिन इसे भारतीय ईकॉमर्स और एआई इकोसिस्टम के लिए अहम माना जा रहा है।

यह अधिग्रहण ऐसे समय पर हुआ है, जब डिजिटल कॉमर्स तेजी से वीडियो, विजुअल और बातचीत आधारित अनुभव की ओर बढ़ रहा है, ग्राहक अब सिर्फ प्रोडक्ट की फोटो और टेक्स्ट डिस्क्रिप्शन से संतुष्ट नहीं हैं, बल्कि वे ज्यादा रियल और इंटरैक्टिव अनुभव चाहते हैं।

क्यों खास है, यह अधिग्रहण?

फ्लिपकार्ट का मानना है, कि आने वाले समय में ईकॉमर्स का फोकस सर्च से ज्यादा डिस्कवरी पर होगा, यानी ग्राहक क्या खरीदना चाहते हैं, यह समझने में वीडियो और बातचीत की बड़ी भूमिका होगी, मिनीवेट एआई की तकनीक को जोड़कर फ्लिपकार्ट अपने प्लेटफॉर्म पर शॉपिंग को ज्यादा सहज, आसान और आकर्षक बनाना चाहता है।

क्या करता है, Minivet AI?

मिनीवेट एआई ईकॉमर्स के लिए जेनरेटिव वीडियो सॉल्यूशन पर काम करता है, यह स्टार्टअप स्टैटिक प्रोडक्ट कैटलॉग को बड़े पैमाने पर वीडियो कंटेंट में बदलने की क्षमता रखता है, इसका मतलब है, कि जहां पहले सिर्फ फोटो होती थी, वहां अब प्रोडक्ट का वीडियो दिखेगा, जिससे ग्राहक को बेहतर समझ मिलेगी, खास बात यह है, कि यह काम कम लागत और तेज रफ्तार में किया जा सकता है।

कैसे बदलेगा ऑनलाइन शॉपिंग का अनुभव?

मिनीवेट एआई की तकनीक मॉडल ऑर्केस्ट्रेशन और परफॉर्मेंस ऑप्टिमाइजेशन पर आधारित है, इससे पारंपरिक वीडियो प्रोडक्शन की तुलना में काफी कम खर्च में बेहतर रिजल्ट मिलते हैं, ग्राहकों के लिए इसका सीधा मतलब है, ज्यादा वीडियो, ज्यादा जानकारी और ज्यादा भरोसे के साथ खरीदारी।

फाउंडर ने क्या कहा?

मिनीवेट एआई के फाउंडर आदित्य रचकोंडा Aditya Rachakonda ने कहा कि फ्लिपकार्ट के साथ यह साझेदारी उनके लिए एक अहम मोड़ है, उनका कहना है, कि इस डील से उनकी जेनएआई टेक्नोलॉजी को बड़े पैमाने पर लागू करने का मौका मिलेगा, जिसमें कैटलॉग वीडियोफिकेशन से लेकर बातचीत आधारित सर्च तक शामिल है।

Flipkart की रणनीति क्या है?

फ्लिपकार्ट के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट रवि अय्यर Ravi Iyer के मुताबिक मिनीवेट एआई की खास टैलेंट और टेक्नोलॉजी से फ्लिपकार्ट की कई अहम क्षमताएं मजबूत होंगी, उन्होंने कहा कि वीडियोफिकेशन और सेमांटिक सर्च जैसी तकनीकें आज के विजुअल फर्स्ट कॉमर्स ट्रेंड के लिए बेहद जरूरी हैं, और इससे ग्राहक जुड़ाव और बिक्री दोनों बढ़ेंगी।

ईकॉमर्स में क्यों बढ़ रहा है, वीडियो का रोल?

आज का ग्राहक तेजी से फैसले लेना चाहता है, वीडियो के जरिए प्रोडक्ट को असल जिंदगी में देखने जैसा अनुभव मिलता है, इससे रिटर्न कम होते हैं, और भरोसा बढ़ता है, इसी वजह से दुनिया भर में ईकॉमर्स कंपनियां वीडियो और एआई पर ज्यादा निवेश कर रही हैं।

भारत के स्टार्टअप इकोसिस्टम के लिए क्या मायने?

फ्लिपकार्ट का यह कदम दिखाता है, कि भारतीय स्टार्टअप्स की तकनीक अब ग्लोबल कंपनियों को भी आकर्षित कर रही है, GenAI जैसे सेक्टर में इस तरह के अधिग्रहण से दूसरे स्टार्टअप्स को भी बड़े मौके मिल सकते हैं।

आगे क्या देखने को मिल सकता है?

आने वाले समय में फ्लिपकार्ट के प्लेटफॉर्म पर ज्यादा वीडियो कंटेंट, स्मार्ट सर्च और बातचीत आधारित शॉपिंग देखने को मिल सकती है, यह बदलाव न सिर्फ ग्राहकों के अनुभव को बेहतर बनाएगा, बल्कि पूरे ईकॉमर्स सेक्टर की दिशा बदल सकता है।

निष्कर्ष

मिनीवेट एआई में फ्लिपकार्ट की बहुमत हिस्सेदारी खरीदना सिर्फ एक अधिग्रहण नहीं, बल्कि भविष्य की शॉपिंग की तैयारी है, वीडियो, विजुअल और जेनएआई आधारित अनुभव आने वाले समय में ऑनलाइन खरीदारी को पूरी तरह बदल सकते हैं, इस डील से भारत का ईकॉमर्स और एआई इकोसिस्टम दोनों मजबूत होते दिख रहे हैं।