मुफ्त की योजनाओं से राज्यों पर आर्थिक संकट- आरबीआई
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रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया Reserve Bank of India ने एक रिपोर्ट जारी कर बताया कि केरल Kerala सहित पांच राज्यों पर कर्ज का बोझ बढ़ता जा रहा है और अगर हालात को जल्द काबू में नहीं किया गया तो इनकी हालत भी श्रीलंका Sri Lanka जैसी हो सकती है। दूसरी ओर केरल ने इस रिपोर्ट को गलत करार देते हुए कहा कि उनका राज्य 'कर्ज के जाल' debt trap में नहीं है। आरबीआई के जिस लेख में राज्य की वित्तीय हालत पर चिंता जताई गई, वह जमीनी हकीकत से पूरी तरह दूर है।
इस बारे में केरल के वित्तमंत्री के. एन बालागोपाल Kerala Finance Minister K.N Balagopal ने कहा कि आरबीआई ने यह रिपोर्ट तैयार करते समय कोविड-19 और निपाह वायरस Covid-19 and Nipah Virus के प्रकोप तथा 2018, 2019 में आई बाढ़ के कारण उनके राज्य के सामने आने वाली कठिनाइयों को ध्यान में नहीं रखा है और हमें पूरी उम्मीद है कि इस साल हमारे राज्य के वित्तीय क्षेत्र Financial Sector में उल्लेखनीय सुधार देखने को मिलेगा। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि सभी राज्यों की ओर से सालाना खर्च की जाने वाली कुल राशि का 50 फीसदी अकेले 10 राज्य ही इस्तेमाल करते हैं।
इस बारे में आरबीआई ने चेतावनी देते हुए कहा कि कई राज्यों की राजकोषीय स्थिति State Fiscal Situation बदतर हो गई है। कुछ राज्य पुरानी पेंशन योजनाओं Old Pension Schemes को दोबारा बहाल करने की घोषणा कर चुके हैं जो उनके सामने नए तरीके का वित्तीय संकट पैदा कर सकता है। अनुमान है कि इन राज्यों का कर्ज उनकी जीडीपी के अनुपात में 2025-26 तक 35 फीसदी पहुंच जाएगा। इससे बचने के लिए राज्यों को तत्काल रूप से अपने गैर-जरूरी खर्चे कम करने होंगे और कर्ज को जीडीपी GDP के अनुपात में स्थिर रखना होगा।


