अमेज़न अगले साल 'Tez' लॉन्च करके ब्लिंकिट, स्विगी, ज़ेप्टो को टक्कर देगा

News Synopsis
अमेज़न अपनी नई सर्विस के साथ तेजी से बढ़ते क्विक कॉमर्स मार्केट में उतरने के लिए तैयार है, जिसका कथित तौर पर कोडनेम Tez है। रिपोर्ट के अनुसार ई-कॉमर्स दिग्गज दिसंबर के अंत या 2024 की शुरुआत तक इस सर्विस को शुरू करने की योजना बना रहा है। यह कदम भारत के कॉम्पिटिटिव क्विक कॉमर्स स्पेस में अमेज़न को एक नए प्लेयर के रूप में स्थापित करता है, जिस पर वर्तमान में ब्लिंकिट, ज़ेप्टो और स्विगी इंस्टामार्ट का दबदबा है।
Amazon’s Strategic Shift
शुरुआत में 2025 में लॉन्च होने वाले Tez को जल्द ही लॉन्च कर दिया गया है, जो कि Amazon की तेज़ी से बढ़ते मार्केट में अपनी पैठ बनाने की तत्परता को दर्शाता है। सूत्रों से पता चलता है, कि कंपनी की दिसंबर में होने वाली समीक्षा बैठक में समयसीमा को अंतिम रूप दिया जा सकता है, जो कि उसके एनुअल संभव इवेंट से पहले होगी।
यह सर्विस अपने कॉम्पिटिटर्स के मॉडल को दर्शाते हुए किराने का सामान और डेली आवश्यक वस्तुओं की डिलीवरी पर ध्यान केंद्रित करेगी। कथित तौर पर अमेज़न डार्क स्टोर स्थापित कर रहा है, इन्वेंट्री का प्रबंधन कर रहा है, और अल्ट्रा-फास्ट डिलीवरी का समर्थन करने के लिए एक मजबूत लॉजिस्टिक्स नेटवर्क स्थापित कर रहा है। इस पहल के लिए भर्ती प्रयास पहले से ही चल रहे हैं, नौकरी लिस्टिंग से इस सेगमेंट में मजबूत पैर जमाने की कंपनी की महत्वाकांक्षा का संकेत मिलता है।
हालाँकि Tez वर्तमान में एक वर्किंग कोडनेम है, लेकिन Amazon ने अभी तक सर्विस के लिए फाइनल ब्रांडिंग की पुष्टि नहीं की है।
In Competition With Rivals
अमेज़न का प्रवेश ऐसे समय में हुआ है, जब अन्य दिग्गज कंपनियां क्विक कॉमर्स में आक्रामक रूप से विस्तार कर रही हैं। फ्लिपकार्ट ने इस साल की शुरुआत में अपनी मिनट्स सर्विस शुरू की, जो प्रमुख शहरों तक पहुँची। टाटा ग्रुप ने अपने टाटा न्यू ऐप के माध्यम से न्यू फ्लैश पेश किया, जबकि इसके बिगबास्केट प्लेटफ़ॉर्म ने क्विक कॉमर्स मॉडल को अपनाया है, जिसने इम्प्रेसिव सेल के आंकड़े दर्ज किए हैं।
ज़ेप्टो और ब्लिंकिट जैसे स्टार्टअप भी तेज़ी से आगे बढ़ रहे हैं। ज़ेप्टो ने हाल ही में $350 मिलियन जुटाए, जिससे इसका वैल्यूएशन $1 बिलियन से अधिक हो गया। इस बीच ज़ोमैटो द्वारा समर्थित ब्लिंकिट ने एडिशनल $1 बिलियन जुटाने की मंज़ूरी प्राप्त की, जिससे इन्वेस्टर्स के लिए इस क्षेत्र की अपील पर ज़ोर दिया गया।
The Promise of Quick Commerce in India
भारत का क्विक कॉमर्स सेक्टर जो किराने का सामान और आवश्यक वस्तुओं की तेजी से डिलीवरी पर केंद्रित है, और मार्केट आकार 2024 तक 7 बिलियन डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है। मॉर्गन स्टेनली की एक रिपोर्ट में इससे भी अधिक वृद्धि की भविष्यवाणी की गई है, जिसमें अनुमान लगाया गया है, कि कंस्यूमर अपनाने और ऑर्डर फ्रीक्वेंसी में वृद्धि के कारण मार्केट 2030 तक 25 बिलियन डॉलर से 55 बिलियन डॉलर के बीच बढ़ सकता है।
हाई फ्रीक्वेंसी यूजर्स जो वर्तमान में कस्टमर बेस का एक तिहाई हिस्सा बनाते हैं, और 2030 तक मार्केट के वैल्यू में 80% तक योगदान करने का अनुमान है। इसके अतिरिक्त क्विक कॉमर्स से 2026 तक GOV में फूड डिलीवरी को पार करने की उम्मीद है, जिससे यह ई-कॉमर्स इनोवेशन के लिए एक केंद्र बिंदु बन जाएगा।