YouTube ने लॉन्च किया Shorts Timer फीचर
News Synopsis
Shorts Timer Feature: क्या आप भी YouTube शॉर्ट्स वीडियो बहुत ज्यादा देखते हैं? जवाब अगर हां है, तो अब आपकी यह आदत छूट सकती है, YouTube खुद ही इस आदत से आजादी दिलाएगा। YouTube ने अपने यूजर्स की शॉर्ट्स की लत को कम करने के लिए नया फीचर लाया है, अब आप रोजाना Shorts देखने का समय खुद तय कर सकते हैं, और लिमिट पूरी होने पर नोटिफिकेशन के जरिए आराम से ब्रेक ले सकते हैं, यह फीचर खासतौर पर उन लोगों के लिए मददगार है, जो अनजाने में घंटों तक वीडियो स्क्रॉल कर जाते हैं, और डिजिटल टाइम मैनेजमेंट में दिक्कत महसूस करते हैं।
कैसे काम करता है, ‘टाइमर’ फीचर?
YouTube ने अपने नए टाइमर फीचर के जरिए यूजर्स को शॉर्ट्स पर टाइम कंट्रोल करने का ऑप्शन दिया है, इस फीचर की सहायता से आप टाइम तय कर सकते हैं, जैसा कि नाम से पता चलता है, यह फीचर यूजर्स को मोबाइल ऐप पर शॉर्ट्स स्क्रॉल करने के लिए डेली टाइम लिमिटतय करने की सुविधा देता है,
जैसे ही आप तय की गई टाइम पूरा कर लेंगे आपको स्क्रीन पर एक Prompt दिखाई देगा, यह बताएगा कि आज के लिए शॉर्ट्स फ़ीड पर स्क्रॉलिंग रोक दी गई है।
YouTube ने अपने नए टाइमर फीचर के जरिए यूजर्स को शॉर्ट्स पर टाइम कंट्रोल करने का ऑप्शन दिया है, इस फीचर की सहायता से आप टाइम तय कर सकते हैं, जैसा कि नाम से पता चलता है, यह फीचर यूजर्स को मोबाइल ऐप पर शॉर्ट्स स्क्रॉल करने के लिए डेली टाइम लिमिटतय करने की सुविधा देता है,
जैसे ही आप तय की गई टाइम पूरा कर लेंगे आपको स्क्रीन पर एक Prompt दिखाई देगा, यह बताएगा कि आज के लिए शॉर्ट्स फ़ीड पर स्क्रॉलिंग रोक दी गई है।
हालांकि अगर आप कुछ जरूरी वीडियो देख रहे हों तो आप इस मैसेज को हटाकर दोबारा शॉर्ट्स देखना शुरू कर सकते हैं।
पैरेंटल कंट्रोल में भी जल्द होगा शामिल
फिलहाल इस फीचर को YouTube के पैरेंटल कंट्रोल से नहीं कनेक्ट किया गया है, इसका मतलब है, कि माता-पिता अभी अपने बच्चों के लिए शॉर्ट्स देखने की टाइम लिमिट तय नहीं कर सकते हैं, हालांकि YouTube का कहना है, कि वे इस साल के आखिरी तक इस फीचर को पैरेंटल कंट्रोल में शामिल करने की योजना बना रहे हैं, इसके बाद पैरेंट्स अपने अकाउंट से टाइम लिमिट सेट कर पाएंगे और बच्चों को दिखने वाला मैसेज Non-dismissible होगा, यानी वे उसे हटाकर आगे नहीं देख पाएंगे।
क्यों पड़ी इस फीचर की जरूरत?
सोशल मीडिया ऐप्स को उनके स्क्रॉल डिजाइन के अक्सर ट्रोल का सामना करना पड़ता है, जो लोगों को बेवजह डूमस्क्रॉलिंग के लिए मजबूर करता है, रिपोर्ट के अनुसार कई रिसर्च से पता चला है, कि इस व्यवहार के कारण मेंटल हेल्थ पर भी गंभीर असर पड़ता है, जैसे कि ध्यान भटकना, सीखने की क्षमता में कमी, और चिंता। यह दिमाग के रिवॉर्ड सिस्टम को भी प्रभावित करता है, जिससे गुस्सा ज्यादा आने लगता है, और चिंता बढ़ती है।
पहले भी लाए जा चुके हैं, ऐसे फीचर्स
YouTube पहले भी यूजर्स को ब्रेक लेने के लिए ऐसे ही फीचर लाया है:
Take a Break
यह फीचर यूजर्स द्वारा सेट किए गए समय जैसे 15, 30, 60 या 90 मिनट के बाद उन्हें वीडियो देखने से ब्रेक लेने की याद दिलाता है।
Bedtime Reminder
यह फीचर यूजर्स को उनके तय किए गए सोने के समय के बाद वीडियो देखना बंद करने के लिए याद दिलाती है।
इन दोनों फीचर्स में भी आखिरी कंट्रोल यूजर के ही पास होता है, कि वे ब्रेक लेना चाहते हैं, या वीडियो देखना जारी रखना चाहते हैं।


