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योगी सरकार जल्द लाएगी पहली एम सैंड पॉलिसी

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योगी सरकार जल्द लाएगी पहली एम सैंड पॉलिसी
08 Jun 2023
6 min read

News Synopsis

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ Chief Minister Yogi Adityanath के नेतृत्व वाली उत्तर प्रदेश सरकार उद्यमियों को 'एम-सैंड' निर्माण के लिए प्रोत्साहित करने के लिए नई नीति New Policy लाकर राज्य की सभी 'एम-सैंड' इकाइयों को उद्योग का दर्जा देने पर विचार कर रही है।

सरकार का इन इकाइयों को एमएसएमई का लाभ देने का भी प्रस्ताव है। इसके अतिरिक्त एम-सैंड इकाइयों के लिए निश्चित बिजली लागत और खनिज रॉयल्टी पर भी विचार किया जा रहा है।

योगी आदित्यनाथ सरकार निर्माण कार्य में इस्तेमाल होने वाली नदी की रेत के विकल्प को बढ़ावा देने और अवैध रेत खनन पर रोक लगाने के लिए नई नीति लेकर आ रही है, नीति निर्मित रेत के प्रचार पर ध्यान केंद्रित करेगी, जो पत्थरों को कुचलकर उत्पादित की जाती है।

एम-सैंड पॉलिसी M-Sand Policy का फाइनल ड्राफ्ट स्टेकहोल्डर्स से प्राप्त सुझावों पर विचार कर तैयार किया जाएगा और कैबिनेट से मंजूरी मिलने के बाद राज्य में लागू किया जाएगा।

भूतत्व एवं खनिकर्म निदेशालय उत्तर प्रदेश ने हाल ही में राज्य और देश के विभिन्न हितधारकों के साथ एम-रेत नीति के प्रारूप पर चर्चा की है। भूविज्ञान एवं खनिकर्म निदेशालय के अपर निदेशक विपिन कुमार जैन Vipin Kumar Jain Additional Director Directorate of Geology and Mining के अनुसार नीति में एम-सैंड इकाइयों को उद्योग का दर्जा देने का प्रावधान है, इसके तहत सभी एम-सैंड इकाइयों को उद्योग का दर्जा देने का लाभ दिया जाएगा, उद्योग एवं उद्यम प्रोत्साहन निदेशालय Directorate of Industry and Enterprise Promotion, उत्तर प्रदेश Uttar Pradesh द्वारा इसके साथ ही एमएसएमई प्रोत्साहन नीति 2022 MSME Promotion Policy 2022 का भी लाभ देने का प्रावधान प्रस्तावित है।

उन्होंने मुझे आगे बताया कि इसमें कैपिटल सब्सिडी, स्टांप ड्यूटी में छूट और ब्याज में छूट का प्रावधान है। पूंजीगत अनुदान के तहत बुन्देलखण्ड एवं पूर्वांचल Bundelkhand and Purvanchal की सूक्ष्म इकाइयों को 25 प्रतिशत, लघु इकाइयों को 20 प्रतिशत एवं मध्यम उद्यमों को 15 प्रतिशत, जबकि मध्यांचल एवं पश्चिमांचल Madhyanchal and Paschimanchal में क्रमशः 20 प्रतिशत, 15 प्रतिशत एवं 10 प्रतिशत पूंजीगत अनुदान दिया जायेगा।

स्टाम्प शुल्क में छूट के संबंध में बुन्देलखण्ड एवं पूर्वांचल को 100 प्रतिशत तथा मध्यांचल एवं पश्चिमांचल को 75 प्रतिशत की छूट दी जायेगी। इसके साथ ही सूक्ष्म उद्यमों को 5 साल के लिए 25 लाख की कैपिंग के साथ 50 फीसदी तक ब्याज सब्सिडी देने की भी योजना है।

इन सबके अलावा एम-सैंड यूनिट्स M-Sand Units को कई और फायदे देने की भी योजना है। हितधारकों के साथ चर्चा की गई नीति के मसौदे के अनुसार एम-रेत निर्माण M-Sand Construction इकाइयों को निश्चित बिजली लागत का लाभ मिलेगा। इसके तहत वाणिज्यिक उत्पादन की तिथि से 5 वर्ष तक एक रुपये प्रति यूनिट की दर से प्रतिपूर्ति दी जाएगी।

खनिज रॉयल्टी का भी प्रावधान है, जिसके तहत स्रोत चट्टान पर रॉयल्टी में छूट प्रदान की जाएगी। इतना ही नहीं सरकार ने कहा कि पीडब्ल्यूडी समेत सभी सरकारी इंजीनियरिंग विभागों में इस्तेमाल होने वाली कुल रेत में से 25 फीसदी एम रेत होगी। धीरे-धीरे यह प्रतिशत 25 से बढ़ाकर 50 किया जाएगा, ताकि बालू इकाइयों की खपत बढ़ सके।

एम-रेत बड़े पत्थरों को महीन कणों में कुचल कर बनाई जाती है, जिन्हें बाद में साफ करके बारीक श्रेणीबद्ध किया जाता है। यह निर्माण में नदी की रेत के विकल्प के रूप में व्यापक रूप से उपयोग किया जाता है। इसके अलावा M रेत को कई तरह से बनाया जा सकता है।