विश्व शांति पुरस्कार की शोभा, अल्फ्रेड नोबेल

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विश्व शांति पुरस्कार की शोभा, अल्फ्रेड नोबेल
11 Dec 2021
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स्विडिश वैज्ञानिक अल्फ्रेड नोबेल वह वैज्ञानिक हैं जिन्होंने दुनिया को विज्ञान का नया रूप दिखाया साथ ही कुछ ऐसा कर गए, जो आने वाली पीढ़ियों के वैज्ञानिकों लिए सम्मान का रास्ता खुला छोड़ गए। जिनके नाम पर विश्व के चुनिंदा सर्वश्रेष्ठ व्यक्तियों को नोबेल पुरस्कार प्रदान किया जाता है। दुनिया में कई वैज्ञानिकों ने अद्भुत कार्य किए, परन्तु आखिरकार अल्फ्रेड नोबेल के नाम पर ही शान्ति पुरस्कार क्यों दिया जाता है।

विज्ञान दुनिया के हाथों में वह हीरा है, जो प्रतिदिन विश्व का रूप बदलने का हुनर रखता है। प्राचीन समय से लेकर वर्तमान समय का माहौल यदि देखा जाए तो लोगों की विचारधारा के साथ समाज के परिवर्तन में विज्ञान का भी महत्वपूर्ण योगदान रहा है। विज्ञान ने हर क्षण दुनिया को नई परिभाषा दी है। आज हम आधुनिकता के जिस दौर में जी रहे हैं, वह इसी कला की देन है। परिवर्तन प्रकृति का नियम है और विज्ञान सदैव से इस तथ्य को परिभाषित करता आया है। विकास की राह को भी विज्ञान ने ही आसान किया है। इसी विज्ञान की जड़ से जन्मी एक शाखा ने इस क्षेत्र में अभूतपूर्व कार्य किया और दुनिया से जाने के बाद भी कुछ ऐसे नियमित कार्य का सांचा तैयार कर गए, जो उनकी अनुपस्थिति में भी दुनिया का भला कर रहे हैं। स्विडिश वैज्ञानिक अल्फ्रेड नोबेल Swedish scientist Alfred Nobel वह वैज्ञानिक हैं जिन्होंने दुनिया को विज्ञान का नया रूप दिखाया साथ ही कुछ ऐसा कर गए, जो आने वाली पीढ़ियों के वैज्ञानिकों लिए सम्मान का रास्ता खुला छोड़ गए। जिनके नाम पर विश्व के चुनिंदा सर्वश्रेष्ठ व्यक्तियों को नोबेल पुरस्कार Nobel Prize प्रदान किया जाता है। दुनिया में कई वैज्ञानिकों ने अद्भुत कार्य किए, परन्तु आखिरकार अल्फ्रेड नोबेल के नाम पर ही शान्ति पुरस्कार क्यों दिया जाता है।

अल्फ्रेड नोबेल का पूरा नाम अल्फ्रेड बर्नहार्ड नोबेल था और इनका जन्म 1833 में स्वीडन में हुआ था तथा ये 1896 में इस दुनिया को छोड़ गए। अल्फ्रेड नोबेल को कई भाषाओं का ज्ञान था तथा इन्हें अंग्रेजी भाषा में कविताएं लिखने का भी शौक था। इन्होंने अपने जीवनकाल में कुछ नॉवेल भी लिखे। वे विज्ञान के शहंशाह, एक सफल इंजीनियर तथा एक उत्तम गुणवत्ता के केमिस्ट थे, जो अपने व्यवसाय के कारण अमेरिका America  से लेकर पेरिस Paris तक भ्रमण करते रहे हैं।

अल्फ्रेड नोबेल ने विज्ञान में सैकड़ों नए तथ्यों की खोज की, जिसमें से डायनामाइट की खोज discovery of dynamite प्रमुख है। आपको बता दें कि डायनामाइट एक विस्फोटक पदार्थ है, जो पूरी दुनिया में तबाही मचाने का दम रखता है। यही कारण था कि नोबेल अपने इस आविष्कार से दुःखी रहते थे। नतीजन उन्होंने अपने जीवन भर की कमाई को दान कर दिया तथा उनके मरणोपरांत प्रति वर्ष उनकी संपत्ति पर मिलने वाले ब्याज से पूरे विश्व के उन होनहार व्यक्तियों को सम्मानित करने का निर्णय लिया, जिन्होंने किसी भी क्षेत्र में समाज के हित में कार्य किया हो। उन्होंने इस सम्मान को शांति पुरस्कार से संबोधित किया तथा यहीं से नोबेल पुरस्कार की शुरुआत हुई जो आज विश्व का सबसे प्रतिष्ठित पुरस्कार माना जाता है।

अल्फ्रेड नोबेल के सम्मान में उनके नाम रसायन शास्त्र Chemistry में प्रयोग में लिए जाने वाले आवर्त सारणी में इनके नाम को सम्मिलित किया गया। अल्फ्रेड नोबेल विज्ञान की दुनिया का वह नाम है जो आज भी लोगों में एक सम्मान की भावना के साथ जीवित है। सफलता की दुनिया में अपना नाम तथा लोगों के दिल में स्थान‌ बनाने वाले अल्फ्रेड नोबेल वास्तविक जीवन में अकेला रहना ही पसन्द करते थे। इन्होंने वैवाहिक जीवन से स्वयं को दूर रखा। ये कई वर्षों तक स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से भी जूझते रहे।