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यूपी सरकार युवाओं के लिए 5जी प्रौद्योगिकी प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू करेगी

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यूपी सरकार युवाओं के लिए 5जी प्रौद्योगिकी प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू करेगी
18 May 2023
6 min read

News Synopsis

उत्तर प्रदेश सरकार Government of Uttar Pradesh युवाओं के लिए कौशल विकास मिशन Skill Development Mission के तहत 5G प्रौद्योगिकी प्रशिक्षण कार्यक्रम 5G Technology Training Program शुरू करने के लिए तैयार है।

कार्यक्रम का उद्देश्य युवाओं को नई और भविष्य की रोजगार योग्य तकनीकों में कुशल बनाना है।

राज्य सरकार के आधिकारिक बयान के मुताबिक 5जी तकनीक 5G Technology को भविष्य की तकनीक माना जा रहा है, राज्य सरकार का मानना है, कि भविष्य में दूरसंचार क्षेत्र Telecom Sector में बड़े पैमाने पर 5जी तकनीक में प्रशिक्षित युवाओं की जरूरत होगी, 5G तकनीक हार्डवेयर, सॉफ्टवेयर और सेवाओं के पूरे टेलीकॉम इकोसिस्टम Telecom Ecosystem को बदल देगी, जो भविष्य की अन्य तकनीकों जैसे IoT, M2M संचार और एज कंप्यूटिंग के निष्पादन के लिए महत्वपूर्ण है।

बयान में कहा गया है, कि योगी सरकार युवाओं को 5जी में सक्षम बनाकर भविष्य की इसी जरूरत को पूरा करने की दिशा में काम कर रही है।

प्रस्तावित लक्ष्य के अनुसार आठ महीने में इस कार्यक्रम के तहत 1,000 या अधिक उम्मीदवारों को प्रशिक्षित करके नौकरी दी जानी है। लखनऊ, कानपुर, गौतम बुद्ध नगर, मुरादाबाद, आगरा, गोरखपुर, वाराणसी और प्रयागराज सहित आठ में से किन्हीं पांच जिलों में कार्यक्रम जल्द ही शुरू होने की संभावना है।

प्रस्ताव के अनुसार इस कार्यक्रम के तहत तीन पाठ्यक्रम संचालित किए जा सकते हैं, अर्थात् टेलीकॉम रिगर - 5जी और लीगेसी नेटवर्क, तकनीशियन 5G - सक्रिय नेटवर्क स्थापना और प्रोजेक्ट इंजीनियर - 5G नेटवर्क।

इन तीनों पाठ्यक्रमों पर 2.8 करोड़ रुपये से अधिक खर्च होने का अनुमान है। टेलीकॉम रिगर-5जी और लिगेसी नेटवर्क Telecom Rigger-5G and Legacy Network में 360 उम्मीदवारों को 450 घंटे में प्रशिक्षित किया जाएगा, जबकि प्रत्येक उम्मीदवार पर 22,000 रुपये से अधिक खर्च किए जाएंगे, जिसमें कुल लगभग 80 लाख रुपये खर्च होंगे।

इसी तरह टेक्नीशियन 5जी का कोर्स 570 घंटे चलेगा, जिसमें 360 अभ्यर्थियों पर कुल एक करोड़ से अधिक की राशि खर्च की जाएगी। बयान में कहा गया है, कि प्रोजेक्ट इंजीनियर कोर्स 660 घंटे में पूरा होगा, जिसमें 280 उम्मीदवारों के साथ 90 लाख से अधिक की लागत आएगी।

प्रशिक्षण से लेकर रोजगार उपलब्ध कराने तक के इस पूरे कार्यक्रम को पांच चरणों में लागू करने की रणनीति भी तैयार की गई है। सबसे पहले छात्रों को पाठ्यक्रमों के प्रति आकर्षित करने के लिए कदम उठाए जाएंगे। इसके बाद युवाओं की प्री और पोस्ट एनरोलमेंट काउंसिलिंग कराई जाएगी। इसके बाद उनकी निगरानी और मूल्यांकन किया जाएगा। उत्तर प्रदेश सरकार ने कहा कि चौथे चरण में युवाओं को प्लेसमेंट सपोर्ट दिया जाएगा, जबकि पांचवें और अंतिम चरण में युवाओं को मेंटरिंग के साथ सपोर्ट और फीडबैक दिया जाएगा।