टाटा मोटर्स ने 2.5 लाख EV सेल का आंकड़ा पार किया
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टाटा मोटर्स ने भारत में 2,50,000 इलेक्ट्रिक गाड़ियों की कुल बिक्री का एक बड़ा महत्वपूर्ण कदम पार कर लिया है, जिससे देश की सबसे बड़ी और सबसे प्रभावशाली EV कंपनी के तौर पर उसकी स्थिति और मज़बूत हो गई है। इस उपलब्धि के साथ टाटा का दावा है, कि अब तक भारत में बेची गई सभी इलेक्ट्रिक पैसेंजर गाड़ियों में से लगभग दो-तिहाई (लगभग 66%) उसकी हैं, यह दबदबा दिखाता है, कि उसने मास-मार्केट EV स्पेस को कितनी निर्णायक रूप से आकार दिया है।
इस उपलब्धि में Nexon.ev का भी बड़ा योगदान है, जो 1 लाख कुल बिक्री का आंकड़ा पार करने वाली भारत की पहली इलेक्ट्रिक कार बन गई है। 2020 में लॉन्च हुई Nexon.ev ने देश में मुख्यधारा में EV को अपनाने की शुरुआत की, ऐसे समय में जब रेंज की चिंता, ज़्यादा कीमतें और खराब चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर बड़ी रुकावटें थीं।
खास प्रयोग से मुख्यधारा की पसंद तक
कंपनी के अनुसार जब टाटा मोटर्स ने 2018 में अपनी EV यात्रा शुरू की थी, तब भारतीय EV बाज़ार अभी शुरुआती दौर में था। प्रोडक्ट्स सीमित रियल-वर्ल्ड रेंज देते थे, कीमतें अक्सर तुलनात्मक ICE गाड़ियों से दोगुनी होती थीं, और चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर बहुत कम था। पिछले छह सालों में टाटा ने इन बाधाओं को दूर करने के लिए लगातार काम किया है, रेंज में सुधार किया है, पेट्रोल और डीज़ल कारों के साथ कीमतों के अंतर को कम किया है, और अपने गाड़ियों के पोर्टफोलियो के साथ-साथ एक चार्जिंग और सर्विस इकोसिस्टम बनाया है।
इस रणनीति का फायदा मिला है। आज टाटा मोटर्स देश में सबसे बड़ी EV लाइन-अप पेश करती है, जो कई सेगमेंट और प्राइस पॉइंट्स में फैली हुई है। इसके इलेक्ट्रिक पोर्टफोलियो में प्राइवेट खरीदारों के लिए Tiago.ev, Punch.ev, Nexon.ev, Curvv.ev और Harrier.ev शामिल हैं, साथ ही फ्लीट ऑपरेटर्स के लिए XPRES-T EV भी है। इस व्यापकता ने टाटा को पहली बार कार खरीदने वालों के साथ-साथ शहरी परिवारों तक पहुंचने में मदद की है, जो अपनी मुख्य गाड़ी को EV से बदलना चाहते हैं।
इस्तेमाल के डेटा से पता चलता है, कि EVs अब सिर्फ़ दूसरी कार नहीं रह गई हैं। लगभग 84% टाटा EV मालिक अपनी गाड़ी को प्राइमरी कार के तौर पर इस्तेमाल करते हैं, और सालाना औसतन लगभग 20,000 km चलाते हैं। लगभग 26,000 ग्राहक पहले ही 1 लाख km का आंकड़ा पार कर चुके हैं, और लगभग आधे लोगों ने 500km से ज़्यादा की लंबी दूरी की यात्राएँ पूरी की हैं, जो इलेक्ट्रिक मोबिलिटी में बढ़ते भरोसे का एक मज़बूत संकेत है।
चार्जिंग नेटवर्क एक प्रतिस्पर्धी बढ़त के तौर पर
टाटा की EV लीडरशिप का एक मुख्य स्तंभ चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर पर उसका फोकस रहा है। कंपनी का कहना है, कि आज उसका इकोसिस्टम घर, कम्युनिटी और पब्लिक चार्जिंग सॉल्यूशन के मिश्रण के ज़रिए 2 लाख से ज़्यादा चार्जिंग पॉइंट को सपोर्ट करता है। इसका चार्जिंग एग्रीगेटर प्लेटफॉर्म 20,000 से ज़्यादा पब्लिक चार्जर को कवर करता है, जबकि इसके फास्ट-चार्जिंग नेटवर्क में मुख्य हाईवे और कॉरिडोर पर 100 मेगाचार्जिंग हब शामिल हैं, जो 120kW और उससे ज़्यादा की चार्जिंग स्पीड देते हैं।
विश्वसनीयता और कवरेज पर यह ज़ोर तेज़ी से महत्वपूर्ण हो गया है, क्योंकि ग्राहकों की उम्मीदें सिर्फ़ चार्जर खोजने से हटकर लंबे रूट पर तेज़, भरोसेमंद चार्जिंग तक पहुँचने की हो गई हैं।
स्थानीयकरण और इकोसिस्टम की गहराई को बढ़ावा देना
गाड़ियों और चार्जिंग से परे टाटा मोटर्स ने EV वैल्यू चेन के स्थानीयकरण में भारी निवेश किया है। इसकी इलेक्ट्रिक कारों में इस्तेमाल होने वाले 50% से ज़्यादा कंपोनेंट अब स्थानीय स्तर पर बनाए जाते हैं, जिसमें हाई-वोल्टेज बैटरी पैक और बैटरी मैनेजमेंट सिस्टम शामिल हैं, जिन्हें अन्य टाटा ग्रुप कंपनियों के साथ मिलकर विकसित किया गया है। पावर इलेक्ट्रॉनिक्स, वायरिंग हार्नेस और थर्मल सिस्टम में भी स्थानीयकरण बढ़ा है, जिससे लागत कम करने और आयात पर निर्भरता कम करने में मदद मिली है।
सर्विस इकोसिस्टम भी समानांतर रूप से बढ़ा है। टाटा अब देश भर में लगभग 1,500 EV-समर्पित सर्विस बे संचालित करता है, जिन्हें 5,000 से ज़्यादा प्रशिक्षित EV टेक्नीशियन सपोर्ट करते हैं। यह पैमाना विशेष रूप से महत्वपूर्ण है, क्योंकि EV स्वामित्व मेट्रो शहरों से आगे फैल रहा है, टाटा EV मालिक अब भारत भर के 1,000 से ज़्यादा कस्बों और शहरों से आते हैं।
आगे क्या है: सिएरा, अविन्या और उससे आगे
एक बड़ी बढ़त बनाने के बाद टाटा मोटर्स अपने EV विस्तार के अगले चरण की तैयारी कर रही है। कंपनी ने कैलेंडर वर्ष 2026 से शुरू होने वाले कई नए लॉन्च की पुष्टि की है, जिसमें Sierra.ev और एक नई जनरेशन Punch.ev शामिल हैं। 2026 के अंत तक टाटा अविन्या रेंज भी पेश करेगी, जिसे उसकी प्रीमियम, टेक्नोलॉजी-आधारित EV फैमिली के तौर पर पेश किया जाएगा।
FY30 तक टाटा की योजना अपने मौजूदा पोर्टफोलियो में रेगुलर अपडेट और रिफ्रेश के साथ पांच नए EV नेमप्लेट बेचने की है। इंफ्रास्ट्रक्चर के मामले में कंपनी 2027 तक 4 लाख चार्जिंग पॉइंट और 2030 तक 10 लाख चार्जिंग पॉइंट का लक्ष्य बना रही है, जिसमें उसके ओपन कोलैबोरेशन फ्रेमवर्क के तहत 1 लाख पब्लिक चार्जर शामिल हैं।
भविष्य का एक अहम पड़ाव सानंद में एग्रेटस की आने वाली गीगाफैक्ट्री से स्थानीय रूप से निर्मित बैटरी सेल सोर्स करना होगा, जिससे सप्लाई सुरक्षा और मजबूत होने और भारत की EV आत्मनिर्भरता में तेजी आने की उम्मीद है।
बड़े पैमाने पर प्रभाव
कुल मिलाकर टाटा EVs ने भारतीय सड़कों पर पहले ही लगभग 12 बिलियन किलोमीटर का सफर तय कर लिया है। कंपनी के अनुमानों के अनुसार इससे लगभग 1.7 मिलियन टन CO उत्सर्जन और लगभग 800 मिलियन लीटर ईंधन की बचत हुई है, जो बड़े पैमाने पर EV अपनाने के पर्यावरणीय प्रभाव को दिखाता है।
जैसे-जैसे भारत में इलेक्ट्रिक मोबिलिटी मुख्यधारा में मजबूती से आगे बढ़ रही है, टाटा मोटर्स का 2.5 लाख बिक्री का महत्वपूर्ण कदम न केवल एक संख्यात्मक उपलब्धि है, बल्कि यह इस बात का भी प्रतीक है, कि बाजार कितना विकसित हुआ है, और एक निर्माता ने कितनी निर्णायक रूप से इस बदलाव का नेतृत्व किया है।


