सुंदर पिचाई की कुल संपत्ति 1 अरब डॉलर के पार

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ब्लूमबर्ग बिलियनेयर्स इंडेक्स के अनुसार अल्फाबेट इंक के सीईओ सुंदर पिचाई ने एक बड़ी फाइनेंसियल उपलब्धि हासिल की है, और उनकी कुल संपत्ति अब 1.1 बिलियन डॉलर को पार कर गई है।
अल्फाबेट के शेयर वैल्यू में वृद्धि सुंदर पिचाई की संपत्ति में वृद्धि का एक प्रमुख कारण रही है।
2023 की शुरुआत से अल्फाबेट के शेयरों में भारी उछाल आया है, जिससे कंपनी का मार्केट वैल्यू 1 ट्रिलियन डॉलर से अधिक हो गया है। इस पीरियड में शेयर ने निवेशकों को लगभग 120% रिटर्न दिया है, और अब यह अपने आल-टाइम हाई स्तर के करीब कारोबार कर रहा है। इससे पिचाई सहित टॉप अधिकारियों को लाभ हुआ है, जो अब 10 अंकों की कुल संपत्ति वाले नॉन-फाउंडर टेक सीईओ के रेयर क्लब में शामिल हो गए हैं।
कंपनी द्वारा तिमाही सेल और प्रॉफ़िट्स एनालिस्ट की अपेक्षा से बेहतर होने के बाद गुरुवार को अल्फाबेट के शेयरों में 4.1% तक की वृद्धि हुई। सुबह 12:11 बजे तक शेयर 1.53% बढ़कर 194.44 डॉलर पर कारोबार कर रहा था।
53 वर्षीय सुंदर पिचाई के पास अल्फाबेट में 0.02% हिस्सेदारी है, जिसका वर्तमान वैल्यू लगभग 440 मिलियन डॉलर है। उन्होंने पिछले दस वर्षों में अल्फाबेट के 650 मिलियन डॉलर से अधिक मूल्य के शेयर भी बेचे हैं। अगर उन्होंने अपने सभी शेयर अपने पास रखे होते, तो ब्लूमबर्ग का अनुमान है, कि आज की कीमतों पर उनकी हिस्सेदारी की कीमत 2.5 बिलियन डॉलर से अधिक होती।
साधारण शुरुआत से टेक दिग्गज तक
भारत के तमिलनाडु में जन्मे सुंदर पिचाई का प्रारंभिक जीवन सिलिकॉन वैली के कॉर्पोरेट ऑफिस से दूर रहा। वे लिमिटेड रिसोर्सेज वाले एक साधारण दो कमरों वाले घर में पले-बढ़े।
उनके परिवार के पास कार नहीं थी, और उनका पहला लैंडलाइन फ़ोन तब लगा जब वे 12 साल के थे। अमेरिका की उनकी यात्रा 1993 में स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय में छात्रवृत्ति के साथ शुरू हुई। उनके हवाई जहाज के टिकट के लिए, उनके परिवार को उनके पिता की $1,000 की एनुअल इनकम से भी अधिक खर्च करना पड़ा।
सुंदर पिचाई 2004 में Google में शामिल हुए और लगातार तरक्की की सीढ़ियाँ चढ़ते गए। उन्होंने क्रोम ब्राउज़र के डेवलपमेंट में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और Android डिवीज़न का नेतृत्व किया। 2015 में उन्हें Google का CEO नियुक्त किया गया, और बाद में 2019 में उन्होंने Google की मूल कंपनी Alphabet Inc. के CEO का पदभार संभाला।
एआई निवेश और कंपनी का विकास
सुंदर पिचाई Sundar Pichai के लीडरशिप में अल्फाबेट ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर अपना ध्यान केंद्रित किया है। सीईओ के रूप में उनके प्रमुख कदमों में से एक कंपनी की स्ट्रेटेजी को एआई की ओर आगे बढ़ाना था। इस दिशा में गूगल का पहला बड़ा कदम 2014 में लंदन स्थित एआई फर्म डीपमाइंड का 40 करोड़ डॉलर में अधिग्रहण था।
अकेले 2024 में अल्फाबेट ने एआई निवेश पर लगभग 50 अरब डॉलर खर्च किए। इनमें डेटा सेंटरों के लिए फंड जुटाना, एनर्जी इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण और सेमीकंडक्टर खरीदना शामिल था। कंपनी ने हाल ही में कोडिंग स्टार्टअप विंडसर्फ से 2.4 अरब डॉलर में कर्मचारी और लाइसेंस खरीदे हैं।
एआई में यह आक्रामक प्रयास रंग ला रहा है। अल्फाबेट के दूसरी तिमाही के नतीजे एनालिस्ट की उम्मीदों से बेहतर रहे, कंपनी ने रिसर्च और डेवलपमेंट खर्च में 16% की वृद्धि की घोषणा की। 2025 के लिए कैपिटल एक्सपेंडिचर अब 10 अरब डॉलर बढ़ाकर 85 अरब डॉलर कर दिया गया है।
एक अनोखा अरबपति सफर
Silicon Valley के कई सबसे अमीर नामों के विपरीत सुंदर पिचाई किसी कंपनी के फाउंडर नहीं हैं। मार्क जुकरबर्ग और जेन्सेन हुआंग सहित टेक जगत के अधिकांश अरबपतियों ने संस्थापक इक्विटी के माध्यम से अपनी संपत्ति बनाई है। सुंदर पिचाई की कहानी एक प्रोफेशनल सीईओ के रूप में उभर कर सामने आती है, जो लगातार आगे बढ़ते गए।
गूगल के एक अन्य नॉन-फाउंडर सीईओ Eric Schmidt भी अरबपति बन गए। Eric Schmidt, जिन्होंने 2001 से 2011 तक कंपनी का नेतृत्व किया, वर्तमान में उनकी कुल संपत्ति 36.6 अरब डॉलर है, जो मुख्य रूप से अल्फाबेट के शेयरों के माध्यम से है।
गूगल के ओरिजिनल फाउंडर्स लैरी पेज और सर्गेई ब्रिन, उनसे कहीं आगे हैं। लैरी पेज की संपत्ति 171.2 अरब डॉलर है, जबकि सर्गेई ब्रिन की संपत्ति 160.4 अरब डॉलर है, जिससे वे दुनिया के सबसे अमीर लोगों में से दो बन गए हैं।
टेक के अलावा सुंदर पिचाई खेलों में भी निवेश कर रहे हैं। वह टेक्नोलॉजी अधिकारियों के एक ग्रुप का हिस्सा हैं, जिन्होंने हाल ही में लंदन स्पिरिट क्रिकेट टीम में 49% हिस्सेदारी के लिए 182 मिलियन डॉलर का पेमेंट किया है। यह टीम यूके की एक नई लीग The Hundred में कम्पटीशन करती है।