SpaceX IPO: अगले साल आएगा दुनिया का सबसे बड़ा IPO

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SpaceX IPO: अगले साल आएगा दुनिया का सबसे बड़ा IPO
13 Dec 2025
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News Synopsis

SpaceX IPO: एलन मस्क की कंपनी SpaceX अब शेयर मार्केट में उतरने की तैयारी कर रही है, कंपनी आईपीओ यानी इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग लाने की तैयारी कर रही है, इस आईपीओ के जरिए कंपनी लगभग 30 अरब डॉलर से कहीं ज्यादा पैसा जुटा सकती है, और अगर ऐसा होता है, तो ये इतिहास की सबसे बड़ा लिस्टिंग साबित होगी।

रिपोर्ट के अनुसार एलन मस्क की कंपनी स्पेसएक्स (SpaceX IPO) अपने पूरे बिजनेस को करीब 1.5 ट्रिलियन डॉलर यानी 1 लाख 50 हजार अरब डॉलर की वैल्यू पर ले जाना चाहती है, ये वैल्यू सऊदी अरामको के 2019 के रिकॉर्ड के बराबर होगी, जब अरामको ने 29 अरब डॉलर जुटाए थे, अगर ऐसा हुआ तो स्पेसएक्स दुनिया की सबसे महंगी लिस्टेड कंपनी बन जाएगी, स्पेसएक्स एग्जीक्यूटिव 2026 के बीच या आखिर तक कंपनी को शेयर बाजार में लाने की तैयारी कर रहे हैं, लेकिन मार्केट की स्थिति देखकर तारीख बदल भी सकती है, और ये आईपीओ 2027 तक भी आ सकता है।

शेयर्स में जोरदार तेजी

स्पेसएक्स के आईपीओ की खबर के बाद मंगलवार को दूसरे स्पेस कंपनियों के शेयरों में तगड़ा उछाल देखने को मिला, एकोस्टार कंपनी, जो स्पेसएक्स को स्पेक्ट्रम लाइसेंस बेच रही है, उसके शेयर न्यूयॉर्क में 12% तक चढ़ गए और नया रिकॉर्ड बना लिया, रॉकेट लैब कंपनी के शेयर भी 4.3% तक बढ़ गए, ब्लूमबर्ग के अनुसार एलन मस्क और कंपनी के बोर्ड ने हाल के दिनों में लिस्टिंग और फंड जुटाने के प्लान को तेज कर दिया है, यहां तक कि जरूरी पोस्ट के लिए हायरिंग भी शुरू हो गई और पैसे कहां लगाए जाएंगे इसकी प्लानिंग भी हो रही है, ये सब तब हुआ जब स्पेसएक्स अपनी लेटेस्ट इनसाइडर शेयर सेल को फाइनल कर रही थी।

आईपीओ जल्दी क्यों ला रही है, कंपनी?

इस आईपीओ को इतनी जल्दी लाने की एक बड़ी वजह है, कि कंपनी का स्टारलिंक सैटेलाइट इंटरनेट बिजनेस जो बहुत तेजी से बढ़ रहा है, साथ ही मोबाइल पर डायरेक्ट इंटरनेट देने का नया प्लान भी है, ऊपर से स्टारशिप रॉकेट का डेवलपमेंट चल रहा है, इन सबकी वजह से कंपनी को लग रहा है, कि अभी मार्केट में पैसा जुटाने का सही टाइम है, और आईपीओ से मिले पैसे से ये सारे बड़े-बड़े सपने पूरे किए जाएंगे, ये कंपनी साल 2025 तक लगभग 15 बिलियन डॉलर का रिवेन्यू कमाने वाली है।

कंपनी IPO से जुटाए पैसों के जरिए क्या करने वाली है?

स्पेसएक्स इस साल यानी 2025 में करीब 15 अरब डॉलर (लगभग 1.25 लाख करोड़ रुपये) की कमाई करने वाली है, और अगले साल 2026 में ये आंकड़ा 22 से 24 अरब डॉलर तक पहुंच जाएगा, स्पेसएक्स आईपीओ से जुटाए पैसे का कुछ हिस्सा स्पेस में डेटा सेंटर बनाने पर खर्च करेगी, इन डेटा सेंटरों को चलाने के लिए जरूरी चिप्स भी खरीदेगी कंपनी, एलन मस्क ने हाल ही में बैरन कैपिटल के इवेंट में इस आइडिया पर खुलकर उत्साह दिखाया था।

कंपनी की वैल्यूएशन

स्पेसएक्स अभी अपनी चल रही सेकंडरी शेयर सेल में एक शेयर की कीमत करीब 420 डॉलर रखी है, जिससे कंपनी की कुल वैल्यूएशन 800 अरब डॉलर से भी ऊपर पहुंच गई है, कंपनी अपने कर्मचारियों को करीब 2 अरब डॉलर के शेयर बेचने की इजाजत दे रही है, और खुद भी कुछ शेयर वापस खरीदेगी, ये सब इसलिए किया जा रहा है, ताकि आईपीओ आने से पहले कंपनी की सही-सही मार्केट वैल्यू तय हो जाए और सबको पता चले कि स्पेसएक्स असल में कितनी कीमती है।

एलन मस्क ने 6 दिसंबर को अपने प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि स्पेसएक्स कई सालों से कैश फ्लो पॉजिटिव है, और हर साल दो बार शेयर बायबैक करती है, ताकि कर्मचारियों और निवेशकों को पैसा निकालने की सुविधा मिले, उन्होंने कहा कि कंपनी की वैल्यूएशन बढ़ने की वजह स्टारशिप रॉकेट और स्टारलिंक का तेज प्रोग्रेस है, साथ ही दुनिया भर में डायरेक्ट-टू-मोबाइल स्पेक्ट्रम हासिल करना, जिससे हमारा बाजार बहुत बड़ा हो जाएगा।

दुनिया का सबसे बड़ा आईपीओ

स्पेसएक्स के एग्जीक्यूटिव कई बार स्टारलिंक बिजनेस को अलग कंपनी बनाकर उसका अलग से आईपीओ लाने की बात कर चुके हैं, ये आइडिया सबसे पहले कंपनी की प्रेसिडेंट ग्विन शॉटवेल ने 2020 में दिया था, लेकिन एलन मस्क ने हर बार टाइमिंग पर शक जताया और 2024 में कंपनी के सीएफओ ब्रेट जॉनसन ने कहा कि स्टारलिंक का आईपीओ अभी जल्दी नहीं होगा, ये आने वाले कुछ सालों में ही होगा, मतलब अभी तो पूरी कंपनी का आईपीओ पहले आएगा, स्टारलिंक को अलग करने का प्लान बाद में देखा जाएगा।

स्पेसएक्स के सबसे बड़े लॉन्ग टर्म निवेशक पीटर थील की फाउंडर्स फंड, जस्टिन फिश्नर-वुल्फसन की 137 वेंचर्स, वैलर इक्विटी पार्टनर्स, फिडेलिटी और गूगल की पैरेंट कंपनी अल्फाबेट हैं, अगर स्पेसएक्स अपनी 5% हिस्सेदारी बेचेगी तो 40 अरब डॉलर जुटेंगे, जो दुनिया का सबसे बड़ा आईपीओ होगा, अभी तक का रिकॉर्ड सऊदी अरामको के पास है, जिसने 2019 में सिर्फ 1.5% हिस्सा बेचकर 29 अरब डॉलर कमाए थे।