एसबीआई ने कहा- मुफ्त रेवड़ियां टाइम बम, सुप्रीम कोर्ट इस पर लगाए अंकुश

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एसबीआई ने कहा- मुफ्त रेवड़ियां टाइम बम, सुप्रीम कोर्ट इस पर लगाए अंकुश
04 Oct 2022
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News Synopsis

SBI : देश के दिग्गज स्टेट बैंक ऑफ इंडिया State Bank Of India ने चुनावी फायदे के लिए मुफ्त रेवड़ियां Free Rewari बांटने की होड़ पर चिंता जाहिर की है, और इसे टाइम बम Time Bomb बताया है। साथ ही, मुफ्त उपहार का विश्लेषण करने वाली सुप्रीम कोर्ट Supreme Court की समिति को ऐसी कल्याणकारी योजनाओं Welfare Schemes पर राज्य के सकल घरेलू उत्पाद Gross Domestic Product (जीडीपी) या कुल कर संग्रह की एक फीसदी सीमा तय करने का सुझाव दिया है।

एसबीआई समूह SBI Group के मुख्य आर्थिक सलाहकार Chief Economic Advisor डॉ. सौम्य कांति घोष Dr. Soumya Kanti Ghosh की ओर से जारी रिपोर्ट ‘इकोरैप’ Ecorap में उदाहरण देते हुए बताया गया कि झारखंड Jharkhand, राजस्थान व छत्तीसगढ़ Rajasthan and Chhattisgarh पुरानी पेंशन स्कीम  old pension scheme वापस ला चुके हैं। अब कई अन्य राज्य भी इस पर विचार कर रहे हैं। सभी ऐसा करें, तो पेंशन पर ही हर साल 31.04 लाख करोड़ रुपए खर्च होंगे। कई राजनीतिक दल मुफ्त स्कीमों का वादा कर रहे हैं। इन पर राज्यों के कुल कर संग्रह का 10 फीसदी खर्च होगा।

रिपोर्ट के अनुसार, मुफ्त और कल्याणकारी योजनाओं free and welfare schemes में बहुत महीन फर्क है। इसे दर्शा पाना मुश्किल होगा। वहीं अगर मुफ्त योजनाएं की बात करें तो, इस में यह नहीं देखा जाता कि किसे फायदा मिलना चाहिए, किसे नहीं। जैसे मुफ्त बिजली-पानी, स्मार्टफोन, लैपटॉप, साइकिल, किसान लोन माफी। वहीं अगर कल्याणकारी योजनाओं की बात करें तो,  इसका लक्ष्य उन लोगों तक मदद पहुंचाना होता है, जिन्हें जरूरत है। जैसे 80 करोड़ लोगों को महामारी के समय अनाज मुहैया करवाना।