मैरिड वूमेन एक्ट से महिला के निजता की सुरक्षा

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मैरिड वूमेन एक्ट से महिला के निजता की सुरक्षा
14 Jan 2023
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News Synopsis

Latest Updated on 14 January 2023

शादी दो लोगों के बीच का रिश्ता हैं। और यह उनके परिवारों को भी एक साथ बांधता हैं। इस बंधन को निभाने में जितनी जिम्मेदारी पत्नी की होती है उतनी ही जिम्मेदारी एक पति की भी होती हैं। विवाह में लोग एक-दूसरे के साथ को संजोते हैं। और एक-दूसरे को गहराई से सम्मान देते हैं। जिससे जीवन बहुत अधिक सुखद हो जाता हैं। दुर्भाग्य से कभी-कभी विवाह सफल नहीं होते हैं। और कई जोड़े कठिनाइयों का अनुभव करते हैं। कभी-कभी ऐसा इसलिए होता हैं। क्योंकि एक साथी अपनी शक्ति की स्थिति का दुरुपयोग करता हैं। क्योंकि एक साथी अपने अधिकारों को नहीं जानता। शादीशुदा महिला Married Woman के अधिकारों के बारे में हम थोड़ी देर में बात करेंगे।

दहेज निषेध अधिनियम 1961 Dowry Prohibition Act कहता हैं। कि भारत India में महिलाओं को अपने पिता या पति के परिवार से किसी भी प्रकार का दहेज प्राप्त होने पर शिकायत करने का अधिकार हैं। कानून यह भी कहता हैं। कि दहेज उत्पीड़न Dowry Harassment और दहेज लेनदेन अवैध हैं। और कानून द्वारा दंडनीय हैं।

महिलाओं को शारीरिक Body, मानसिक Mental, भावनात्मक Emotional, यौन और वित्तीय शोषण Sexual and Financial Abuse से बचाने के लिए घरेलू हिंसा अधिनियम 2005 बनाया गया था। अगर किसी महिला के साथ उसके पति, ससुराल वालों या उसके करीबी किसी अन्य व्यक्ति द्वारा दुर्व्यवहार किया जा रहा हैं। तो वह शिकायत दर्ज करा सकती हैं। इससे उसे सहायता प्राप्त करने और दुर्व्यवहार करने वाले से सुरक्षा प्राप्त करने में मदद मिलती हैं। 

हिंदू उत्तराधिकार Hindu Succession अधिनियम 1956 के तहत एक बेटी चाहे विवाहित हो या नहीं अपने पिता की संपत्ति Property का उत्तराधिकारी होने का समान अधिकार हैं। इसका मतलब यह हैं। कि अगर किसी महिला की शादी नहीं हुई हैं। तो भी उसका अपने पिता की संपत्ति पर समान अधिकार हैं। इसके अतिरिक्त मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेग्नेंसी एक्ट, 1971 Medical Termination of Pregnancy Act के तहत एक महिला को किसी भी समय अपनी गर्भावस्था Pregnancy को समाप्त करने का अधिकार हैं। जब तक कि गर्भावस्था 24 सप्ताह से कम की हो। दुर्लभ मामलों में एक महिला 24 सप्ताह के बाद भी अपनी गर्भावस्था समाप्त कर सकती हैं।

Last Updated on 30 August 2021

मैरिड वूमेन्स एक्ट Married Women's Act को महिलाओं के भविष्य की सुरक्षा के लिए कई वर्षों पहले लाया गया था। यह एक्ट महिलाओं को उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने का अवसर देता है। अक्सर ही ससुराल में लड़की को मायके से मिली कुछ संपत्ति पर लड़की का पति अपनी दावेदारी रखने की कोशिश करता है। इस एक्ट के कारण ससुराल का कोई भी व्यक्ति ऐसा नहीं कर पाता है। साथ ही बैंक में सुरक्षित रखे गए पैसों पर मिलने वाले ब्याज की मदद से कई महिलाएं अपना खर्च चलाती हैं, यदि इस पर पति अपना हक जमाता है तो महिला की निजता में बाधा आती है, इसी निजता के रक्षण हेतु मैरिड वूमन्स एक्ट लाया गया। पति के संपत्ति में महिला का अधिकार अवश्य हो सकता है परन्तु महिला की अपनी संपत्ति में पति का कोई अधिकार नहीं होता है। हां अपनी संपत्ति को पति के साथ बांटना महिला का अपना फैंसला होता है। इस एक्ट से देश की कई महिलाएं अपना भविष्य सुरक्षित रखने में सफल रही हैं, जिनका कुछ परिस्थितियों के कारण ससुराल में सामंजस्य सही नहीं बैठ पाया है।