भारतीय सूचना क्रांति की शान -अज़ीम प्रेमजी 

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भारतीय सूचना क्रांति की शान -अज़ीम प्रेमजी 
24 Jan 2022
6 min read

Blog Post

 एक भारतीय व्यापार tycoon, निवेशक और परोपकारी है, जो विप्रो लिमिटेड के अध्यक्ष, फिलांथ्रोपिस्ट (philanthropist) और ना जाने क्या-क्या उपलब्धियाँ और प्रशंसा इनके हिस्से में है।अनौपचारिक रूप से  इन्हें भारतीय आईटी उद्योग के बादशाह कहा जाता है। उद्योग और मानवता के विचारों का ऐसा अद्भुद तालमेल बहुत कम देखने को मिलता है जो एक ही व्यक्ति में मौजूद हो। आज के blog में हम जानेंगे- अज़ीम हाशिम प्रेमजी के व्यक्तिव के अलग-अलग पहलुओं को, एक उद्योगपति के तौर पर, मानवता के पहलुओं पर और कैसे उन्होंने IT industry में नाम किया, कैसे wipro को इतना बड़ा नाम बनाया। keywords 

एक भारतीय व्यापार tycoon, निवेशक और परोपकारी है, जो विप्रो लिमिटेड के अध्यक्ष लोकोपकारक (philanthropist) और ना जाने क्या-क्या उपलब्धियाँ और प्रशंसा इनके हिस्से में है।अनौपचारिक रूप से इन्हें भारतीय आईटी उद्योग के बादशाह कहा जाता है। उद्योग और मानवता के विचारों का ऐसा तालमेल बहुत कम देखने को मिलता है जो एक ही व्यक्ति में मौजूद हो। आज के blog में हम जानेंगे- अज़ीम हाशिम प्रेमजी के व्यक्तिव के अलग-अलग पहलुओं को, एक उद्योगपति के तौर पर, मानवता के पहलुओं पर और कैसे उन्होंने IT industry में नाम किया, कैसे wipro को इतना बड़ा नाम बनाया।

कुछ वर्ष पहले ब्रिटेन की वेबसाइट compare the market के अनुसार दान करने के मामले में wareen buffett (46.6 अरब डॉलर) और Bill gates (41 अरब डॉलर) के बाद तीसरा नंबर (6 अरब डॉलर) का था। अब 21 अरब डॉलर के साथ प्रेमजी का तीसरा नंबर रहा।पिता एक प्रसिद्ध व्यापारी थे, अजीम प्रेमजी के पिता ने विप्रो की शुरुआत गांव में फैक्ट्री लगाकर की थी। पिता ने उन्हें पढ़ने के लिए स्टैनफोर्ड भेज दिया पर कुछ समय बाद पिता की गुजर जाने पर 21 वर्ष की उम्र में पिता का काम सम्भाला।प्रेमजी के पास stanford university, USA से Electrical Engineering degree में स्नातक (graduate) है।

 कार्यक्षेत्र में सफलता 

1966 में जब अज़ीम प्रेमजी को अपनी पढ़ाई बीच में ही छोड़कर पिता का व्यवसाय सम्भालने भारत आना पड़ा था तब उनकी कम्पनी, महाराष्ट्र के ​​​​​​जलगाँव ज़िले के एक छोटे से शहर अमलनेर में सनफ्लॉवर वानस्पति के ब्रांड नाम के तहत खाना पकाने के तेल का निर्माण करती थी, और एक कपड़े धोने वाला साबुन 787 कहा जाता था, जो तेल निर्माण की उपज था। अजीम प्रेमजी ने बाद में कंपनी को bakery fat, जातीय घटक आधारित टॉयलेटरीज़ (toiletries made from locally available ingredients) हेयर केयर साबुन, बेबी टॉयलेटरीज़,( hair care soaps and toiletries for babies) लाइटिंग उत्पाद और hydraulic cylinders,में विविधता प्रदान की। 1980 के दशक के अनुसार सोचकर देखें तो सूचना क्रांति (information technology) की इतनी अच्छी समझ उन्हें स्वयं में प्रतिभावान बनाती है।

अनोखा प्रतिभावान, बुद्धिजीवी व्यक्तित्व 

वॉरेन बफेट और बिल गेट्स के नेतृत्व में एक अभियान, द गिविंग प्लेज के लिए साइन अप करने वाले पहले भारतीय बने। उनका मन-मस्तिष्क मानवता से भरा है और बेहद साधारण जीवन जीने में विश्वास रखतें हैं। उन्हें यह दया, परोपकारित का स्वभाव शायद अपनी माँ से मिला है।आप चाहे उनके जितने भी interview पढ़ लें, देख लें, आप हर बार उनमें सादा जीवन उच्च विचार का ही सिद्धांत पाएँगे, जैसे उनके द्वारा कहे हुए कुछ विचार -

 1-एक बार विप्रो के एक कर्मचारी ने कार वहां पार्क कर दी जहां अज़ीम प्रेमजी अपनी कार खड़ी करते थे। अधिकारियों को पता चला तो circular जारी किया गया कि कोई भी भविष्य में उस जगह पर गाड़ी खड़ी न करे। प्रेमजी ने जब यह देखा तो उसका जवाब भेजा। उन्होंने लिखा 'कोई भी खाली जगह पर वाहन खड़े कर सकता है। यदि मुझे वही जगह चाहिए तो मुझे दूसरों से पहले ऑफिस आना होगा।'

2-एक बार उनकी मां के हॉस्पिटल के कर्मचारी वेतन बढ़ाने की मांग को लेकर एंट्रेंस गेट पर ही धरने पर बैठ गए। उनकी मां ढेर सारे सफेद कागज लेकर आईं और उस जगह को पूरी तरह ढंक दिया। ताकि अस्पताल में काम चलता रहे। प्रेमजी कहते हैं कि यह घटना उन्हें हमेशा याद रही और मां से ही उन्हें सेवा और चैरिटी की प्रेरणा मिली।

3-विप्रो कंपनी शुरू होने के दूसरे ही वर्ष में पब्लिक लिमिटेड बन गई थी। उस समय अजीम प्रेमजी के पिता ने ग्रामीणों को उपहारस्वरूप शेयर बांटे थे। इसी परंपरा को आगे बढ़ाते हुए अजीम प्रेमजी ने 70 के दशक में गांव वालों को विप्रो के शेयर दिए थे।

Azim premji foundation-

2000 में, अजीम प्रेमजी फाउंडेशन की स्थापना की,यह  एक गैर-लाभकारी संगठन, जो ग्रामीण क्षेत्रों में सार्वभौमिक शिक्षा प्राप्त करने में महत्वपूर्ण योगदान देने के लिए एक दृष्टि के साथ, जो एक  न्यायसंगत, मानवीय और टिकाऊ समाज की सुविधा प्रदान करता है। प्राथमिक शिक्षा के क्षेत्र में काम करता है जिसमें भारत के 1.3 मिलियन सरकारी संचालित स्कूलों में व्यवस्थित परिवर्तन की संभावना है। ग्रामीण सरकार द्वारा प्राथमिक शिक्षा (कक्षा I से VIII) के साथ काम करने का यह विकल्प भारत में शैक्षणिक प्राप्ति के प्रमाणों का उत्तर है-

यह जिला संस्थान शिक्षकों, स्कूल लीडर्स , शिक्षकों और अन्य शिक्षा अधिकारियों के साथ जुड़ने के लिए राज्य सरकारों के सहयोग से काम करते हैं। इसकी कार्य की श्रेणी में निम्नलिखित प्रयास शामिल हैं:

1-स्कूलों के भीतर प्रक्रियाओं और कार्यशैलिओं  की गुणवत्ता में सुधार 

2-कार्यशालाओं, शिक्षक मंचों, संगोष्ठियों, मेलों आदि के माध्यम से शिक्षण और सीखने के लिए रचनात्मक दृष्टिकोण की सुविधा प्रदान करना 

3-शिक्षकों और प्रधान शिक्षकों के पेशेवर नेटवर्क professional network का निर्माण करना 

4-सुधार स्कूल पाठ्यक्रम, शिक्षक-शिक्षा पाठ्यक्रम और शिक्षा नीति के संबंधित मुद्दे(reform school curriculum, teacher-education curriculum and related issues of education policy)

इनसभी बातों के अलावा अज़ीम प्रेमजी foundation में कई तरह के courses और career के विकल्प है, आप इसकी पूरी जानकारी इसकी आधिकारिक website से प्राप्त कर सकतें हैं ।अज़ीज़ प्रेमजी का यह मानवता के लिए प्रेम ही है जिसके कारण इन्होंने trust, university आदि बनाई है।

पुरस्कार व सम्मान -

businessweek ने इन्हें मानव इतिहास के शीर्ष 30 entrepreneurs में शामिल किया है।Financial time, Times, Forbes,Fortune पत्रिकाओं ने विश्व की सबसे प्रभावित व्यक्तित्वों में इन्हें शामिल किया है।Journal of foreign policy ने इन्हें शीर्ष वैश्विक विचारकों (top global thinkers)में शामिल लिया है। Economic Times ने इन्हें Lifetime achievement award से नवाज़ा है।इसके अलावा इन्हें भारतीय पद्म विभूषण से भी सम्मानित किया गया है और अज़ीम प्रेमजी Faraday medal पाने वाले पहले भारतीय हैं। इनके हिस्से में तो और भी कई सम्मान और पुरस्कार शामिल हैं। इनके पिता हाशिम को जब विभाजन के बाद पाकिस्तान आने का आमंत्रण मिला तो भी उन्होंने भारत में ही रहने का निर्णय लिया।शायद यह दूरदृष्टि, मानव प्रेम, कठिन परिश्रम का सामर्थ्य इन्हें अपने माता-पिता से ही मिला था। इनकी जीवनसंगिनी बनीं यासमीन और दो संतानें है- ऋषद और तारिका। ऋषद vipro के मुख्य रणनीति अधिकारी हैं।

आशा है आपको हमारा blog अच्छा लगा होगा और इस blog से शायद आपको कुछ प्रेरणा मिली होगी।