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Ola स्कूटर की फेक वेबसाइट बनाकर 1,000 से ज्यादा लोगों से करोड़ों की ठगी

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Ola स्कूटर की फेक वेबसाइट बनाकर 1,000 से ज्यादा लोगों से करोड़ों की ठगी
15 Nov 2022
7 min read

News Synopsis

देश की बड़ी इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर कंपनियों Electric Two-Wheeler Companies में शामिल ओला इलेक्ट्रिक Ola Electric की नकली वेबसाइट के  माध्यम से करीब 1,000 से अधिक लोगों को करोड़ों रुपए का चूना लगाया गया है। इस करोड़ों रुपये की ठगी के आरोप में विभिन्न राज्यों से 20 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इन आरोपियों को कर्नाटक Karnataka के बेंगलुरु Bengaluru, हरियाणा Haryana के गुरूग्राम Gurugram और बिहार Bihar के पटना Patna से अरेस्ट किया गया। इस मामले का खुलासा दिल्ली पुलिस Delhi Police की सायबरक्राइम डिविजन ने किया है।

इस बारे में पिछले महीने की शुरुआत में एक व्यक्ति ने शिकायत दर्ज कराई थी। यह स्कैम करने वाले गैंग के दो लोगों ने बेंगलुरू में Ola Electric की जाली वेबसाइट बनाकर लोगों को ऐसे लोगों को शिकार बनाया था जो कंपनी का ई-स्कूटर खरीदना चाहते थे। ई-स्कूटर Ola E-Scooter खरीदने के लिए लोगों के अपनी डिटेल्स जाली वेबसाइट पर अपलोड करने के बाद उनके मोबाइल नंबर अन्य राज्यों में गैंग के सदस्यों को दिए जाते थे। इसके बाद गैंग के लोग बिहार और तेलंगाना से पीड़ितों को कॉल कर उनसे ई-स्कूटर की बुकिंग के लिए 499 रुपये ऑनलाइन ट्रांसफर करने को कहते थे।

पुलिस ने जानकारी देते हुए बताया कि गैंग के सदस्य इसके बाद पीड़ितों से स्कूटर के इंश्योरेंस और ट्रांसपोर्टेशन Insurance & Transportation के लिए 60,000-70,000 रुपए मांगते थे। इस मामले में शिकायतकर्ता ने बताया कि उन्होंने ओला इलेक्ट्रिक स्कूटर को कंपनी के ऐप के जरिए बुक करने का प्रयास किया था लेकिन फाइनेंस का विकल्प नहीं मिलने के कारण वह प्रोसेस पूरा नहीं कर सके थे। उन्हें इसके बाद ओला इलेक्ट्रिक से एक व्यक्ति ने कॉल कर ई-स्कूटर को खरीदने के ऑफलाइन प्रोसेस की जानकारी दी। पीड़ित को उसी व्यक्ति से एक और कॉल मिली जिसमें उनसे बुकिंग के प्रोसेस Ola E-Scooter Booking Process के लिए 499 रुपए जमा करने के लिए कहा गया था।

उन्होंने वह रकम एक ऐप के जरिए जमा कर दी और उन्हें बुकिंग की पुष्टि वाली एक स्लिप भेजी गई। इसके बाद उन्हें फाइनेंस के विकल्पों के बारे में एक ईमेल मिली। इसके बाद आरोपी ने उनके लिए 30,000 रुपए की डाउन पेमेंट का एक लिंक जेनरेट किया और इसका भुगतान भी शिकायतकर्ता की ओर से ऐप से कर दिया गया। आरोपी की ओर से उन्हें दोबारा एक ईमेल Email भेजकर बताया गया कि सैंक्शन की गई रकम 72,000 रुपए है और उन्हें बाकी का भुगतान करना होगा।

इसके अलावा उन्हें ट्रांसपोर्टेशन चार्ज के तौर पर 13,000 रुपए चुकाने के लिए भी कहा गया था। इससे शिकायतकर्ता को धोखाधड़ी का पता चला और इसके बाद उन्होंने पुलिस के पास शिकायत दर्ज कराई थी।