सरकारी मदद से शुरू की माइक्रोग्रींस की खेती, हुई अच्छी इनकम

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अगर आप नया बिजनेस new business प्लान कर रहे हैं तो माईक्रोग्रींस microgreens का कारोबार अच्छा विकल्प साबित हो सकता है। आइये पहले माइक्रोग्रींस के बारे में जानते हैं, ये कई तरह के पौष्टिक फसलों nutritious crops के छोटे पौधे होते हैं, जिन्हें पौध के रूप में ही इस्तेमाल करने के लिए बोया जाता है। ये न सिर्फ पोषण से भरपूर होते हैं बल्कि आहार diet में शामिल करने पर उसके स्वाद को भी बढ़ा देते हैं। दिल्ली delhi के रहने वाले मयंक चतुर्वेदी Mayank Chaturvedi की कोरोना महामारी के दौरान उनकी नौकरी चली गई। मयंक एजुकेशन education में पोस्ट ग्रेजुएशन post graduation तक की पढ़ाई कर चुके हैं। नौकरी जाने के बाद उन्होंने उम्मीद नहीं छोड़ी और नए विकल्पों को तलाशने में जुट गए। इसी बीच उनकी मुलाकात पूसा PUSA संस्थान के प्रधान वैज्ञानिक principal scientist डॉ ज्ञान प्रकाश मिश्रा Dr. Gyan Prakash Mishra से हुई। उन्होंने मयंक को एक बेहतरीन विकल्प सुझाया। मयंक बताते हैं कि उन्होंने अपने रूम के अंदर ही वर्टिकल फार्म vertical farm तैयार किया है। वे कहते हैं कि इस पद्धति से खेती करने पर एक साथ कई तरह की फसल उगाई जाती है, इसमें मूली radish, सरसों mustard, चुकन्दर beet, लाल पत्तागोभी red cabbage, मेथी और मटर fenugreek and peas शामिल है। इससे उनकी इनकम में भी इजाफा हुआ है।