Meesho ने GenAI-पावर्ड वॉयस बॉट लॉन्च किया

News Synopsis
सॉफ्टबैंक समर्थित ईकॉमर्स प्लेटफॉर्म मीशो Meesho ने सेल के बाद कस्टमर सपोर्ट को सुव्यवस्थित करने और क्वेरी रेसोलुशन को ऑटोमेट करने के लिए एक जनरेटिव आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस-पावर्ड वॉयस बॉट पेश किया है।
मीशो के को-फाउंडर संजीव बरनवाल Sanjeev Barnwal Co-Founder of Meesho ने कहा वॉयस बॉट जो वर्तमान में प्रतिदिन लगभग 60,000 कॉल संभालता है, और ह्यूमन इंटरवेंशन की तुलना में प्रति कॉल लागत को 75% तक कम कर दिया है।
उन्होंने कहा कि एक महीने पहले लांच किए गए इस बॉट ने प्रति कॉल एवरेज हैंडलिंग टाइम को आधा कर दिया है, तथा 95% रेसोलुशन रेट हासिल की है।
संजीव बरनवाल ने कहा "इसकी ह्यूमन-जैसी बातचीत एक बेहतरीन विशेषता है, जो कम्युनिकेशन को आसान बनाती है, विश्वास का निर्माण करती है, और ऐसा समर्थन प्रदान करती है, जो नेचुरल और भरोसेमंद लगता है।"
मीशो के 80% यूजर टियर 2 शहरों और उससे आगे के क्षेत्रों से आते हैं, इसलिए बॉट को बेसिक स्मार्टफ़ोन और शोर भरे वातावरण में काम करने के लिए अनुकूलित किया गया है। वर्तमान में हिंदी और अंग्रेजी का समर्थन करने वाली कंपनी बंगाली, गुजराती और कन्नड़ सहित छह अतिरिक्त क्षेत्रीय भाषाओं के लिए समर्थन शुरू करने की योजना बना रही है।
बॉट ने रुकावटों को संभालने और भाषाओं के बीच सहजता से स्विच करने की अपनी क्षमता का प्रदर्शन किया। इसने कस्टमर बातचीत के दौरान आकस्मिक पुष्टि और वास्तविक रुकावटों के बीच अंतर भी किया।
मीशो का लक्ष्य एक साल के भीतर सभी पोस्ट-ऑर्डर प्रश्नों को संभालने के लिए वॉयस बॉट का उपयोग करना है। भविष्य के अपडेट में भावना पहचान क्षमताएँ शामिल होंगी, जिससे बॉट अधिक सहानुभूतिपूर्ण और उत्तरदायी सेवा के लिए यूजर की भावनाओं का पता लगाने में सक्षम होगा।
बॉट नेचुरल लैंग्वेज प्रोसेसिंग, आटोमेटिक स्पीच रिकग्निशन, टेक्स्ट-टू-स्पीच और लार्ज लैंग्वेज मॉडल जैसी टेक्नोलॉजीज का लाभ उठाता है। हालाँकि कंपनी वर्तमान में अपने स्वयं के एलएलएम विकसित करने के बजाय तीसरे पक्ष के एलएलएम का उपयोग कर रही है।
ऑटोमेशन के लिए अपने प्रयासों के बावजूद मीशो छंटनी की योजना नहीं बना रहा है। संजीव बरनवाल ने कहा कि कंपनी अपनी कस्टमर सर्विस टीम को और अधिक काम्प्लेक्स कॉल और ऑपरेशन्स को संभालने के लिए तैयार करेगी।
विदित आत्रे और संजीव बरनवाल द्वारा 2015 में स्थापित मीशो ईकॉमर्स दिग्गज फ्लिपकार्ट और अमेज़न इंडिया के साथ कम्पटीशन करता है। यह सेलर्स से कमीशन नहीं लेता है, इसके बजाय एडवरटाइजिंग और लॉजिस्टिक्स सर्विस के माध्यम से रेवेनुए अर्जित करता है।
FY24 में मीशो ने भारत में अपने ऑपरेशन्स से होने वाले रेवेनुए में 33% की वृद्धि दर्ज की, जो FY23 में 5,735 करोड़ से बढ़कर 7,615 करोड़ हो गया। कंपनी ने अपने एडजस्टेड लॉस को भी घटाकर 53 करोड़ कर दिया, जो पिछले वर्ष के 1,569 करोड़ से 97% बेहतर है, और ऑपरेटिंग कैश फ्लो में सकारात्मकता हासिल की।
मीशो ने प्राइमरी और सेकेंडरी शेयर सेल के मिक्स के माध्यम से $275 मिलियन का फंडिंग राउंड पूरा कर लिया है, जो $500-600 मिलियन के बड़े फंडिंग राउंड की पहली किश्त है। इससे पहले सितंबर 2021 में मीशो ने बी कैपिटल, प्रोसस और सॉफ्टबैंक सहित इन्वेस्टर्स से $570 मिलियन जुटाए थे। 2015 से इसने सेकेंडरी ट्रांसक्शन सहित कुल $1.36 बिलियन जुटाए हैं।
इसके अलावा मीशो संभावित आईपीओ की तैयारी के तहत भारत में वापसी की संभावना तलाश रहा है।
फ्लिपकार्ट, अमेजन और मिंत्रा जैसी प्रमुख ई-कॉमर्स कंपनियां कस्टमर एक्सपीरियंस को बेहतर बनाने, ऑपरेशन्स को बेहतर बनाने और जुड़ाव को बेहतर बनाने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग जैसी टेक्नोलॉजीज का लाभ उठा रही हैं।