महंगाई को लगेंगे पंख, कम उत्पादन होने से बढ़ सकते हैं चावल के दाम

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महंगाई को लगेंगे पंख, कम उत्पादन होने से बढ़ सकते हैं चावल के दाम
19 Sep 2022
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News Synopsis

खरीफ की फसल Paddy Sowing में धान की बुवाई कम होने से आने वाले समय में चावल की कीमतें Rice Prices बढ़ सकती हैं। इस बार चावल के उत्पादन में 60-70 लाख टन की कमी आने की संभावना है। इससे महंगाई की दरों पर भी असर पड़ेगा। खुदरा महंगाई Retail Inflation अगस्त में 7 फीसदी रही है। जबकि, थोक महंगाई की दर 11 माह के निचले स्तर पर रही है। जून-सितंबर में अनियमित व दक्षिण पश्चिम South West की बारिश में देरी से धान की फसल कम होने का अनुमान है।

उपभोक्ता मंत्रालय Consumer Ministry के अनुसार, चावल की थोक कीमत एक साल में 10.7 फीसदी बढ़कर 3,357 रुपये क्विंटल हो गई है। खुदरा भाव 9.47 फीसदी बढ़कर 38.15 रुपये किलो हो गया है। खाद्य मंत्रालय का अनुमान है कि इस वजह से चावल के उत्पादन में कमी आ सकती है। कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि भारत के पास बफर भंडार काफी है, इसलिए इससे घबराने की जरूरत नहीं है। साथ ही सरकार ने कीमतों को घटाने के लिए चावल के निर्यात पर प्रतिबंध Ban on Export लगाने के साथ ही 20 फीसदी का निर्यात शुल्क भी लगा दिया है।

वहीं इसको लेकर नीति आयोग के सदस्य रमेश चंद Ramesh Chand ने कहा कि चावल की महंगाई को लेकर घबराने की जरूरत नहीं है। कीमतों में बढ़त इसलिए है क्योंकि न्यूनतम समर्थन मूल्य Minimum Support Price (एमएसपी) को बढ़ाया गया है। साथ ही खाद और ईंधन Fertilizers and Fuel भी महंगे हुए हैं।