भारत के टूटे चावल के निर्यात पर रोक से चीन में पैदा हो सकता है खाद्य संकट

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भारत के टूटे चावल के निर्यात पर रोक से चीन में पैदा हो सकता है खाद्य संकट
12 Sep 2022
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News Synopsis

चीन China भारतीय टूटे चावल Indian broken rice के खरीदारों में से एक हैं। भारत के टूटे चावल के निर्यात Broken rice exports पर रोक लगाने के फैसले से चीन में खाद्य संकट Food crisis उत्पन्न हो सकता है। क्योंकि भारत से बीजिंग टूटे चावल का सबसे बड़ा खरीदार माना जाता है। ऐसे में भारत के इस कदम से चीन में आपूर्ति शृंखला Supply chain प्रभावित हो सकती है। चीन में टूट चावल का इस्तेमाल मुख्य रूप से पशुचारे Animal feed, नूडल्स और शराब Noodles and wine बनाने में किया जाता है। भारत कुछ अफ्रीकी देशों African countries के लिए भी टूटे चावल का महत्वपूर्ण आपूर्तिकर्ता है।

लेकिन, चीन की कृषि सूचना नेटवर्क Agriculture Information Network की ओर से प्रकाशित एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि चीन भारतीय टूटे चावल का सबसे बड़ा खरीदार है। उसने अप्रैल, 2021 में भारत से 11 लाख टन टूटे चावल का आयात किया था। वहीं, भारत ने 2021 में रिकॉर्ड 2.15 करोड़ टन चावल का निर्यात किया था, जो दुनिया के शीर्ष चार निर्यातकों थाइलैंड Thailand, वियतनाम Vietnam, पाकिस्तान और अमेरिका Pakistan and America के कुल निर्यात से ज्यादा है।

उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने कहा कि भू-राजनीतिक हालात की वजह से टूटे चावल की वैश्विक मांग बढ़ी, जिससे पशुचारे सहित अन्य कमोडिटी की कीमतें तेजी से बढ़ी हैं। गौर करने वाली बात ये है कि भारत दुनिया में चावल का सबसे निर्यातक है। वैश्विक निर्यात Global Exports में इसकी 40 फीसदी हिस्सेदारी है। भारत 150 से ज्यादा देशों को चावल बेचता है।