IBM ने स्टार्लिंग क्वांटम कंप्यूटर लॉन्च करने की योजना बनाई

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IBM ने दुनिया का पहला बड़े पैमाने का फाल्ट-टोलेरंट क्वांटम कंप्यूटर बनाने के लिए एक नया विज़न पेश किया है। कंपनी का लक्ष्य 2029 में सिस्टम को डिलीवर करना है, और इसे "IBM Quantum Starling" सिस्टम कहा जाता है। यह प्रोजेक्ट, जिसे न्यूयॉर्क के पॉकीप्सी में एक नवनिर्मित IBM क्वांटम डेटा सेंटर के भीतर रखा जाएगा, आज की मौजूदा टेक्नोलॉजीज से कहीं ज़्यादा क्वांटम कंप्यूटिंग की क्षमताओं में क्रांति लाने का वादा करती है।
स्टार्लिंग क्वांटम कंप्यूटर से मौजूदा क्वांटम मशीनों की तुलना में 20,000 गुना ज़्यादा ऑपरेशन निष्पादित करने की उम्मीद है, जो पहले अप्राप्य समझे जाने वाले कम्प्यूटेशनल कम्प्लेक्सिटी के स्तर तक पहुँच जाएगा। IBM के अनुसार स्टार्लिंग की पूरी कम्प्यूटेशनल स्थिति का प्रतिनिधित्व करने के लिए आज के सबसे पावरफुल सुपरकंप्यूटरों के एक क्विंडेसिलियन से ज़्यादा मेमोरी की आवश्यकता होगी। इस छलांग के साथ रिसर्चर और बिज़नेस क्वांटम अवस्थाओं के पूरे स्पेक्ट्रम का पता लगाने में सक्षम होंगे, जो मौजूदा क्वांटम डिवाइस द्वारा दी जा सकने वाली जानकारी से कहीं ज़्यादा जानकारी प्रदान करेंगे।
आईबीएम का स्टार्लिंग क्वांटम कंप्यूटर:
आईबीएम के चेयरमैन और सीईओ अरविंद कृष्ण Arvind Krishna ने कहा "आईबीएम क्वांटम कंप्यूटिंग में अगले मोर्चे पर कदम रख रहा है।" "मैथमेटिक्स, फिजिक्स और इंजीनियरिंग में हमारी एक्सपेर्टीज़ एक बड़े पैमाने पर फाल्ट-टोलेरंट क्वांटम कंप्यूटर के लिए मार्ग प्रशस्त कर रही है, जो वास्तविक दुनिया की चुनौतियों का समाधान करेगा और बिज़नेस के लिए अपार संभावनाओं को खोलेगा।"
फाल्ट-टोलेरंट क्वांटम सिस्टम को फार्मास्यूटिकल्स, मैटेरियल साइंस, केमिस्ट्री और ऑप्टिमाइजेशन जैसे विभिन्न क्षेत्रों में प्रैक्टिकल एप्लीकेशन के प्रवेश द्वार के रूप में देखा जाता है। सैकड़ों या हजारों तार्किक क्यूबिट के साथ ये मशीनें संभावित रूप से अभूतपूर्व एक्यूरेसी और एफिशिएंसी के साथ सैकड़ों मिलियन या यहां तक कि अरबों ऑपरेशन कर सकती हैं।
स्टार्लिंग सिस्टम का लक्ष्य 200 लॉजिकल क्यूबिट का उपयोग करके 100 मिलियन क्वांटम ऑपरेशन प्राप्त करना है। यह IBM के बाद के सिस्टम क्वांटम ब्लू जे के लिए आधार के रूप में काम करेगा, जो 2,000 लॉजिकल क्यूबिट में एक बिलियन क्वांटम ऑपरेशन को संभालने की आकांक्षा रखता है।
कन्वेंशनल क्यूबिट के विपरीत लॉजिकल क्यूबिट एरर के लिए निरंतर सुधार करते हुए क्वांटम जानकारी स्टोर करने के लिए एक साथ काम करने वाले कई फिजिकल क्यूबिट पर निर्भर करते हैं। एरर सुधार महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह सिस्टम को बिना किसी दोष के निरंतर गणना करने की अनुमति देता है। जितने अधिक फिजिकल क्यूबिट शामिल होते हैं, लॉजिकल क्यूबिट उतना ही अधिक विश्वसनीय हो जाता है, जिससे विस्तारित क्वांटम ऑपरेशन संभव हो जाते हैं, जो पहले असंभव थे।
अब तक क्वांटम सिस्टम को स्केल करना आवश्यक फिजिकल क्यूबिट की विशाल संख्या को मैनेज करने की अव्यवहारिकता के कारण बाधित रहा है। पिछली एरर-सुधार विधियों में अत्यधिक हार्डवेयर और इंफ्रास्ट्रक्चर की आवश्यकता होती थी, जो रियल-वर्ल्ड एप्लीकेशन को केवल छोटे पैमाने के प्रयोगों तक सीमित कर देती थी।
आईबीएम का दृष्टिकोण क्वांटम लो-डेंसिटी पैरिटी चेक (qLDPC) कोड पर आधारित एक नई आर्किटेक्चर पर आधारित है, जिसे कंपनी ने दो नए प्रकाशित टेक्निकल पेपर्स में विस्तृत किया है। यह इनोवेटिव एरर-सुधार कोड, जिसे नेचर में मान्यता मिली, पारंपरिक तरीकों की तुलना में एरर सुधार के लिए आवश्यक फिजिकल क्यूबिट की संख्या को लगभग 90 प्रतिशत तक कम कर देता है, जिससे लार्ज-स्केल सिस्टम कहीं अधिक व्यवहार्य हो जाती है।
पहला पेपर बताता है, कि कैसे qLDPC कोड सिस्टम को निर्देशों को कुशलतापूर्वक संसाधित करने और काफी कम ओवरहेड के साथ क्वांटम ऑपरेशन करने में सक्षम करेगा। दूसरा रीयल-टाइम डिकोडिंग टेक्निक्स का वर्णन करता है, जो कन्वेंशनल कंप्यूटिंग रिसोर्सेज को क्वांटम ऑपरेशन के दौरान एरर को तेजी से पहचानने और ठीक करने की अनुमति देता है।
आईबीएम का रोडमैप:
आईबीएम के अपडेटेड क्वांटम रोडमैप में स्टार्लिंग तक पहुंचने के लिए महत्वपूर्ण कदम की एक सीरीज है। 2025 में आईबीएम क्वांटम लून प्रोसेसर लंबी दूरी के क्यूबिट कनेक्शन के लिए "सी-कपलर्स" जैसे आर्किटेक्चरल कंपोनेंट्स का टेस्टिंग शुरू करेगा। 2026 में क्वांटम कूकाबुरा कंपनी का पहला मॉड्यूलर प्रोसेसर होगा जो इनकोडेड जानकारी को स्टोरिंग और प्रोसेसिंग करने में कैपेबल होगा। 2027 तक क्वांटम कॉकटू सिस्टम "एल-कपलर्स" के माध्यम से कई कूकाबुरा मॉड्यूल को जोड़ेगा, जिससे स्केलेबल क्वांटम सिस्टम इनेबल होंगे जो मैसिव मोनोलिथिक चिप की अव्यवहारिकता से बचते हैं।