हुंडई ने 45,000 करोड़ की योजना के साथ भारत पर बड़ा दांव लगाया

News Synopsis
दक्षिण कोरियाई ऑटो प्रमुख Hyundai Motor कंपनी भारत में अब तक का अपना सबसे महत्वाकांक्षी कदम उठा रही है। कंपनी FY30 तक 45,000 करोड़ रुपये का निवेश करने की प्रतिबद्धता जता रही है, ताकि देश को अमेरिका के बाद ग्लोबल स्तर पर अपना दूसरा सबसे बड़ा बाजार बनाया जा सके। मुंबई में हुंडई मोटर इंडिया के पहले निवेशक दिवस पर की गई यह घोषणा एक और बड़े फैसले के साथ आई है। 1990 के दशक के मध्य में भारत में प्रवेश के बाद पहली बार कंपनी का नेतृत्व जनवरी 2026 से एक भारतीय मैनेजिंग डायरेक्टर और सीईओ तरुण गर्ग करेंगे।
यह योजना ऐसे समय में भारत के प्रति हुंडई की लॉन्ग-टर्म कमिटमेंट को रेखांकित करती है जब कुछ ग्लोबल प्रतिद्वंद्वियों ने या तो अपना कारोबार कम कर दिया है, या छोड़ दिया है। प्रेजिडेंट और सीईओ जोस मुनोज़ ने कहा कि हुंडई भारत को अपनी वैश्विक विकास रणनीति के केंद्र में मानती है। उन्होंने फोर्ड और जनरल मोटर्स का नाम लिए बिना कहा "जब दूसरे कटौती करते हैं, हम निर्माण करते हैं। जब दूसरे बाजार से बाहर निकलते हैं, हम दोगुना करते हैं।" उन्होंने कहा "भारत हमारे लिए चीन से ज़्यादा महत्वपूर्ण है," और हुंडई का लक्ष्य भारत को न केवल घरेलू खपत का, बल्कि एक्सपोर्ट्स और एडवांस्ड मैन्युफैक्चरिंग का भी केंद्र बनाना है।
अपने 2030 के रोडमैप के तहत हुंडई 26 प्रोडक्ट्स लॉन्च करेगी, जिनमें सात पूरी तरह से नए नामप्लेट शामिल हैं। इस पोर्टफोलियो में कई पावरट्रेन शामिल होंगे - इंटरनल कंबस्शन, सीएनजी, हाइब्रिड और इलेक्ट्रिक और यह हुंडई की बहुउद्देश्यीय व्हीकल और ऑफ-रोड एसयूवी सेगमेंट में शुरुआत का प्रतीक होगा। हालाँकि सबसे महत्वपूर्ण बदलाव इसकी पावरट्रेन रणनीति में है। बैटरी इलेक्ट्रिक पर वर्षों तक ध्यान केंद्रित करने के बाद हुंडई बड़े पैमाने पर हाइब्रिड की ओर रुख कर रही है, और 2030 तक आठ हाइब्रिड एसयूवी पेश करने की योजना बना रही है, जो देश में किसी भी निर्माता द्वारा इस तरह की सबसे बड़ी लाइन-अप है।
हुंडई का स्थानीय प्रोडक्ट्स पर ज़ोर भी उतना ही प्रभावशाली है। कंपनी 2027 तक अपनी पहली स्थानीय रूप से डिज़ाइन, विकसित और निर्मित इलेक्ट्रिक एसयूवी लॉन्च करेगी, जो भारतीय परिस्थितियों के अनुकूल एक कॉम्पैक्ट मॉडल है, जिसमें लंबी दूरी और शहरी ड्राइविंग, दोनों के लिए कई बैटरी ऑप्शन होंगे। इसका लक्ज़री ब्रांड जेनेसिस भी 2027 तक स्थानीय असेंबली के ज़रिए भारत में अपनी बहुप्रतीक्षित शुरुआत करेगा, जिससे उसे मर्सिडीज-बेंज, बीएमडब्ल्यू और लेक्सस जैसे प्रतिद्वंद्वियों के मुकाबले प्रतिस्पर्धी मूल्य पर मॉडल उपलब्ध कराने में मदद मिलेगी।
जोस मुनोज़ Jose Munoz ने कहा कि कंपनी की फाइनेंसियल सर्विस शाखा Hyundai Capital 2026 की दूसरी तिमाही तक भारत में प्रवेश करेगी। यह एक नॉन-बैंकिंग फाइनेंस कंपनी के रूप में शुरुआत करेगी, जो ऑटो लोन, लीजिंग और मोबिलिटी सर्विस प्रदान करेगी। जोस मुनोज़ ने कहा "सेल फाइनेंस ग्रोथ और ग्राहक संतुष्टि का एक रणनीतिक प्रवर्तक है," उन्होंने कहा कि आंतरिक फाइनेंस ऑप्शन वाले बाज़ार आमतौर पर बेहतर ग्राहक प्रतिधारण और मज़बूत ब्रांड वैल्यू दिखाते हैं।
निवेश योजना स्पष्ट रूप से विभाजित है। लगभग 60% प्रोडक्ट विकास और R&D में जाएगा, जबकि शेष 40% क्षमता विस्तार, मैन्युफैक्चरिंग अपग्रेड और एडवांस्ड कंपोनेंट्स के स्थानीयकरण पर केंद्रित होगा। हुंडई के दूसरे मैन्युफैक्चरिंग चरण में ई-पावरट्रेन, बैटरी सेल और सब-कंपोनेंट्स सहित हाई-टेक्नोलॉजी वाले पुर्जों का गहन स्थानीयकरण होगा।
वर्तमान में हुंडई की ग्लोबल सेल में भारत का योगदान 15% है, जिससे यह अमेरिका और कोरिया के बाद कंपनी का तीसरा सबसे बड़ा बाज़ार बन गया है। मुनोज़ को उम्मीद है, कि 2030 तक भारत दूसरे स्थान पर पहुँच जाएगा। एचएमआईएल का लक्ष्य FY30 तक रेवेनुए में 1.5 गुना वृद्धि करके 1 लाख करोड़ रुपये को पार करना है, जिसमें एक्सपोर्ट्स का योगदान 30% तक होगा। कंपनी का प्रोडक्ट मिक्स एसयूवी की ओर ज़्यादा झुका होगा, और अनुमान है, कि यूटिलिटी व्हीकल इसकी कुल बिक्री का 80% हिस्सा बनाएँगे। क्लीन पावरट्रेन, सीएनजी, हाइब्रिड और ईवी, इसके पोर्टफोलियो के आधे से ज़्यादा हिस्से के लिए ज़िम्मेदार होंगे।
तरुण गर्ग की एमडी और सीईओ के रूप में नियुक्ति के बारे में मुनोज़ ने कहा "पहली बार कोई भारतीय जनवरी 2026 से एमडी और सीईओ बनने जा रहा है। यह इस बाज़ार में हमारे आत्मविश्वास को दर्शाता है।" तरुण गर्ग, जो वर्तमान में COO के रूप में कार्यरत हैं, हुंडई के एसयूवी क्षेत्र में प्रभुत्व को मज़बूत करने और टाटा मोटर्स तथा महिंद्रा एंड महिंद्रा से बढ़ती प्रतिस्पर्धा का सामना करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।
कड़ी प्रतिद्वंद्विता और बाजार हिस्सेदारी में हालिया गिरावट के बावजूद, जो सितंबर 2025 तक लगभग 13% तक गिर जाएगी, हुंडई अपनी खोई हुई ज़मीन वापस पाने के लिए दृढ़ है। तरुण गर्ग ने कहा "हम एक मज़बूत उत्पाद रणनीति और ग्राहक-केंद्रित दृष्टिकोण के माध्यम से उच्च-विकास वाले एसयूवी सेगमेंट में अपनी उपस्थिति बढ़ाने के लिए दृढ़ हैं।" उन्होंने कहा कि 2030 तक हुंडई का नेटवर्क 85% जिलों तक पहुँच जाएगा, जिसमें ग्रामीण बाज़ार कुल बिक्री का 30% योगदान देंगे।