इस कंपनी में अपनी पूरी हिस्सेदारी बेचेगी सरकार

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सरकार हिंदुस्तान जिंक Hindustan Zinc में अपनी पूरी हिस्सेदारी बेचने जा रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता chaired by Prime Minister Narendra Modi में आज कैबिनेट की बैठक हुई और इस बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी मिल गयी। आपको बता दें कि इस कंपनी में सरकार की 29.54% हिस्सेदारी है जिसका मूल्य करीब 37,000 करोड़ रुपये है। सरकार ने इस कंपनी में अपनी 26 फीसदी हिस्सेदारी 2002 में वेदांता ग्रुप Vedanta Group को बेच दी थी।
बाद में कंपनी ने ग्रुप में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाकर 64.92 फीसदी पहुंचा दी। हिंदुस्तान जिंक में सरकार की पूरी हिस्सेदारी बेचने के फैसले से जुड़ी खबर से कंपनी के शेयरों Shares को पंख लग गए हैं। इस हिस्सेदारी बिक्री से सरकार को लगभग 36,500 करोड़ रुपए मिलने की उम्मीद है।
सरकार ने इस वित्त वर्ष में 65,000 करोड़ रुपये का विनिवेश लक्ष्य तय किया है और उसे हासिल करने के लिए हिंदुस्तान जिंक में हिस्सेदारी बिक्री को अहम माना जा रहा है। सरकार ने हाल में एलआईसी के आईपीओ LIC's IPO से 20,560 करोड़ रुपये जुटाए हैं। सुप्रीम कोर्ट Supreme Court ने पिछले साल नवंबर में सरकार को हिंदुस्तान जिंक में अपनी बाकी हिस्सेदारी बेचने की अनुमति दे दी थी।
बता दें कि शिपिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया Shipping Corporation of India पवन हंस Pawan Hans आईडीबीआई बैंक IDBI Bank और भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड Bharat Petroleum Corporation Ltd की स्ट्रैटेजिक सेल में देरी हो रही है। जिस वजह से सरकार को यह कदम उठाना पड़ रहा है।