ब्याज दरें बढ़ने के दौर में कराएं होम लोन रिफाइनेंसिंग, हो सकती है मोटी बचत

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महंगाई Inflation पर लगाम लगाने के लिए दुनियाभर के केंद्रीय बैंकों Central Banks की तरह भारत India का केंद्रीय बैंक यानी रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया Reserve Bank Of India भी नीतिगत दर Policy Rate में लगातार बढ़ोतरी कर रहा है। इस साल मई से अब तक रेपो दर Repo Rate में लगातार चार बार बढ़ोतरी हो चुकी है। तब से अब तक रेपो दर 4 फीसदी से बढ़कर तीन साल के उच्च स्तर 5.90 फीसदी पर पहुंच गई है। यही वह दर है, जिसपर आरबीआई केंद्रीय बैंकों को कर्ज देता है।
ऐसे में अगर केंद्रीय बैंक रेपो दर में इजाफा करता है तो बैंक भी होम लोन Home Loan, ऑटो लोन और पर्सनल लोन Auto Loan & Personal Loan जैसे विभिन्न तरह के कर्ज महंगा कर देते हैं। जबकि, 30 सितंबर को केंद्रीय बैंक के रेपो दर में बढ़ोतरी करने के कुछ घंटे बाद ही एसबीआई SBI समेत कई बैंकों ने अपने-अपने कर्ज महंगे कर दिए हैं। अन्य बैंक भी दरें बढ़ाने की तैयारी में हैं, जिसका असर आपकी ईएमआई पर पड़ेगा। अगर आपने होम लोन लिया है तो ब्याज दरें बढ़ने के बाद आपको हर महीने ज्यादा ईएमआई EMI चुकानी पड़ेगी।
वहीं, ब्याज दरें बढ़ने के इस दौर में आप चाहें तो होम लोन रिफाइनेंसिंग Home Loan Refinancing से ईएमआई का बोझ घटाने के साथ मोटी बचत भी कर सकते हैं। कम ब्याज दर जैसी शर्तों वाला नया होम लोन लेकर मौजूदा होम लोन को चुकाना ही होम लोन रिफाइनेंसिंग है। नया लोन आप मौजूदा या नए बैंक से ले सकते हैं। पुराने लोन को नए लोन के मिले पैसों से बंद करा सकते हैं और नए लोन का पुनर्भुगतान शुरू कर सकते हैं। नए लोन में ब्याज दर कम होगी तो ईएमआई का बोझ भी कम हो जाएगा।