गौतम अडानी अगले 5 साल में 1 लाख करोड़ का निवेश करेंगे
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मुंबई एयरपोर्ट और तैयार हो रहे नवी मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट को ऑपरेट करने वाली अडानी एयरपोर्ट होल्डिंग्स ने बड़ी योजना बनाई है। अडानी ग्रुप की Adani Airports Holdings की योजना पांच साल में करीब ₹1 लाख करोड़ के निवेश की है। यह निवेश कंपनी की विस्तार रणनीति का हिस्सा है। इस विस्तार योजना में हवाई अड्डे, रियल एस्टेट और हॉस्पिटैलिटी और बड़े पैमाने पर एंटरटेनमेंट इंफ्रा शामिल हैं। इस बात की जानकारी खुद अडानी एयरपोर्ट के डायरेक्टर (एयरपोर्ट्स) जीत अडानी ने दी। उन्होंने कहा कि कंपनी ने एयर-साइड, टर्मिनल और सिटी-साइड डेवलपमेंट को लेकर एक पंचवर्षीय कैपेक्स (कैपिटल एक्सपेंडिचर) प्लान तैयार किया है।
क्या है, अडानी एयरपोर्ट्स का पूरा प्लान?
जीत अडानी Jeet Adani ने कहा कि पांच साल के कैपिटल एक्सपेंडिचर का पूरा प्लान तैयार किया गया है। इसमें एयर-साइड, सिटी-साइड और टर्मिनल्स में ₹1 लाख करोड़ का निवेश किया जाएगा। ये निवेश कंपनी के आठ एयरपोर्ट्स और अन्य क्षेत्रों में किए जाएंगे। बता दें कि अडानी एयरपोर्ट्स देश की दूसरी सबसे बड़ी प्राइवेट एयरपोर्ट ऑपरेटर है। इसके पास मुंबई, अहमदाबाद, लखनऊ, जयपुर और गुवाहाटी समेत सात ऑपरेशनल हवाई अड्डे हैं, और अब कंपनी अपना आठवां एयरपोर्ट- नवी मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट 25 दिसंबर 2025 को शुरू करेगी। एक बार चालू होने के बाद यह सालाना 9 करोड़ यात्रियों को हैंडल कर सकेगी और यह कंपनी के पोर्टफोलियो का सबसे बड़ा एयरपोर्ट हो जाएगा।
Adani Airports ने फिलहाल मुंबई एयरपोर्ट के टर्मिनल 1 (T1) को ध्वस्त करने की योजना को टाल दिया है। पहले यह नवंबर 2025 में शुरू होना था, लेकिन अब इसे 2030 तक के लिए स्थगित कर दिया गया है, और इसे नवी मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट के टर्मिनल 2 के चालू होने के साथ जोड़ा गया है। जीत अडानी के मुताबिक नवी मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट में अगले टर्मिनल का काम अगले छह महीनों के भीतर शुरू हो जाएगा। जीत अडानी का कहना है, कि 3 से 3.5 वर्षों में इसका टर्मिनल 2 चालू होने के बाद अडानी एयरपोर्ट्स के पास मुंबई एयरपोर्ट के टर्मिनल 1 को ध्वस्त करने और पुनर्निर्माण के लिए 3-5 वर्षों का समय होगा।
आएगा Adani Airports IPO या होगा डीमर्जर?
जीत अडानी ने संकेत दिया कि अडानी एयरपोर्ट्स कुछ विकल्पों पर गौर कर रही है। वर्ष 2027 से लेकर वर्ष 2030 के बीच कंपनी ने मार्केट में लिस्ट होने की रणनीति तैयार की है, और यह या तो आईपीओ के रास्ते होगा या डीमर्जर के रास्ते। उन्होंने ये बातें 17 दिसंबर को नवी मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट प्रोजेक्ट ऑफिस के दौरान बातचीत में बताई। हालांकि मार्केट में इसकी लिस्टिंग को लेकर उन्होंने तीन अहम शर्तें भी बताई यानी कि ये पूरी होने के बाद इसकी स्टॉक मार्केट में एंट्री होगी। पहले नवी मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट चालू होगा, दूसरा कंपनी का वित्तीय तौर पर आत्मनिर्भरता और तीसरा कम से कम एक बड़े सिटी-साइड विकास प्रोजेक्ट का लीज या प्री-लीज होना है।
वित्तीय तौर पर आत्मनिर्भरता को लेकर उन्होंने कहा कि अभी कंपनी अडानी एंटरप्राइजेज के सपोर्ट पर निर्भर है। उन्होंने बताया कि ऑपरेटिंग लेवल पर कंपनी पॉजिटिव तो है, लेकिन कैपेक्स साइज इतना बड़ा है, कि कैश को लेकर अभी भी इसे पैरेंट कंपनी पर निर्भर रहना पड़ता है। उन्होंने उम्मीद जताई कि दो से तीन साल में कंपनी आत्मनिर्भर हो जाएगी।
एविएशन इंफ्रा के अलावा जीत अडानी ने नवी मुंबई एयरपोर्ट पर सिटीसाइड डेवलपमेंट को लेकर भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि साइट पर करीब 240 एकड़ का डेवलप लायक जमीन है। उन्होंने कहा कि योजना के तहत कंपनी पहले दो चरण खुद डेवलप करेगी। यह एक मिक्स्ड-यूज डेवलपमेंट होगा, जिसमें कमर्शियल रियल एस्टेट, हॉस्पिटैलिटी और रिटेल शामिल होगी। पहले चरण में कंपनी करीब 50 लाख स्क्वेयर फीट डेवलप करेगी जिसके बाद हर साल इसमें अतिरिक्त 20-30 लाख स्क्वेयर फीट जोड़े जाने की योजना है। इसमें एक 25 हजार सीट वाला इनडोर एरेना वाला भी डेवलप किया जाएगा जो लाइव एंटरटेनमेंट के लिए होगा, लेकिन इसे कन्वेंशन सेंटर के रूप में भी इस्तेमाल किया जा सकता है।


