छोटी योजनाओं और एफडी पर ज्यादा ब्याज की उम्मीद, जानें डिटेल

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बढ़ती महंगाई inflation पर काबू पाने के लिए रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया Reserve Bank of India एक बार फिर रेपो रेट में बढ़ोत्तरी कर सकता है। सीएनआई रिसर्च CNI Research के चेयरमैन किशोर ओस्तवाल Kishore Ostwal कहते हैं कि इस हफ्ते 30 सितंबर को जहां भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ब्याज दरों पर फैसला करेगा, वहीं दूसरी ओर वित्त मंत्रालय छोटी बचत योजनाओं की ब्याज दरों की समीक्षा करेगा। आरबीआई जहां रेपो दर को बढ़ाएगा, वहीं सरकार भी छोटी योजनाओं की ब्याज दरें बढ़ा सकती हैं। ऐसें निवेशकों के लिए यह एक अच्छा फैसला हो सकता है।
जबकि, कर्ज लेनेवालों को जरूर ज्यादा किस्त चुकानी होगी, पर जो जमाकर्ता हैं, उनको ज्यादा ब्याज मिलने की उम्मीद है, क्योंकि बैंकों के पास इस समय तरलता की कमी है और वे त्योहारी सीजन में आक्रामक तरीके से बैंकों से निकलने वाले पैसों को पूरा करने के लिए ब्याज दरें बढ़ाएंगे। मई से लेकर अब तक रिजर्व बैंक ने रेपो दर में 1.40 फीसदी का इजाफा किया है। इस अनुपात में कर्ज पर ब्याज दरें तो तुरंत बढ गईं, पर जमा पर उस अनुपात में नहीं बढ़ीं। हालांकि जनवरी की तुलना में इस समय एफडी पर ज्यादा मिल रहा है। पिछले 4-5 महीने में बैंकों ने एफडी पर 0.8 फीसदी से एक फीसदी तक ब्याज बढ़ाया है।
ऐसे में कुछ बैंक इस समय एफडी पर 7 फीसदी से ऊपर ब्याज दे रहे हैं तो कुछ छोटे बैंक 7.50 फीसदी तक ब्याज दे रहे हैं। जानकारों का मानना है कि आरबीआई रेपो दर repo rate को 6.15 फीसदी तक ले जा सकता है। फिलहाल यह 5.40 फीसदी है। ऐसे में अगर 6.15 फीसदी तक दर बढ़ती है जो जमा पर कम से कम अभी भी मार्च, 2023 तक 0.20 से 0.40 फीसदी तक और ब्याज बढ़ सकता है। इसका मतलब आपको एफडी पर 7.50 से 8 फीसदी तक का ब्याज मिल सकता है।