E-Rupee Launched: ई-रुपया की लांचिंग के पहले ही दिन 1.71 करोड़ का लेन-देन

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E-Rupee Launched: ई-रुपया की लांचिंग के पहले ही दिन 1.71 करोड़ का लेन-देन
02 Dec 2022
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News Synopsis

E-Rupee Launched: देश के केंद्रीय बैंक Central Bank यानी भारतीय रिजर्व बैंक Reserve Bank of India ने देश के चार बड़े शहरों दिल्ली Delhi, मुंबई Mumbai, बेंगलुरु और भुवनेश्वर Bengaluru & Bhubaneswar में डिजिटल रुपए e rupee digital currency के पायलट परीक्षण Pilot Trial की शुरुआत कर दी है। प्रोजेक्ट के लिए चुने गए बैंकों की ओर से 1.71 करोड़ रुपए डिजिटल रुपए Digital Rupee की मांंग की गई। जिसमें चार बैंकों भारतीय स्टेट बैंक State Bank of India, आईसीआईसीआई बैंक ICICI Bank, यस बैंक और आईडीएफसी फर्स्ट बैंक Yes Bank and IDFC First Bank के साथ ग्राहक और व्यापारी Customers and Merchants इसका लेनदेन कर सकेंगे। बैंकों की मांग के अनुरुप केंद्रीय बैंक ने डिजिटल रुपया जारी कर दिया।

रिजर्व बैंक की ओर से जारी किया गया ई-रुपया डिजिटल टोकन पर आधारित है। इसे केंद्रीय बैंक ही जारी कर सकता है और इसका मूल्य बैंक नोटों के समान ही है। इसे पेपर नोटों की तरह 2000, 500, 200,100, 50 और अन्य वैध डोनोमिनेशन Valid Denominations में जारी किया गया है। यह डिजिटल रुपया एक खास ई वॉलेट E Wallets में सुरक्षित रहेगा, जिन्हें प्रोजेक्ट के लिए चुने गए बैंकों की ओर से उपलब्ध कराया जाएगा। यह वॉलेट बैंक की ओर से जारी किया जाएगा पर इसकी निगरानी का जिम्मा पूरी तरह से देश के केंद्रीय बैंक आरबीआई के पास होगा। ई-रुपए का इस्तेमाल पी2पी (Person to Person) और पी2एम (Person Two Merchants) दोनों तरीके से किया जा सकेगा।

इसके इस्तेमाल से यूपीआई और दूसरे ऑनलाइन माध्यम से होने वाले भुगतानों में लगने वाले अनावश्यक चार्जेज से भी छुटकारा मिलेगा। वहीं दूसरी तरफ डिजिटल रुपए के बारे में पे-मी के सीईओ CEO of Pay-Me और संस्थापक महेश शुक्ला Mahesh Shukla का मानना है कि डिजिटल रुपया, पारंपरिक मुद्रा का एक डिजिटल संस्करण है जिसका लोग रोजाना उपयोग करते हैं। इस तरीके से आप पैसे को डिजिटल फॉर्मेट में सुरक्षित रख सकते हैं।

यह ब्लॉकचेन तकनीक पर आधारित है, जिसमें रुपये को एक क्रिप्टोकरेंसी Cryptocurrencies की तरह माना जाता है, जो मुद्रा रखरखाव की लागत को कम करता है। इससे आपको सुरक्षा तो मिलेगी ही साथ ही सरकार को भविष्य में कम नोट बनाने की जरुरत पड़ेगी, क्योंकि डिजिटल रुपये को नकद मुद्रा का ही रूप माना जाएगा।