बढ़ती महंगाई से राहत पाने की कोशिश में मंदी में फंस रहीं अर्थव्यवस्थाएं

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बढ़ती महंगाई से राहत पाने की कोशिश में मंदी में फंस रहीं अर्थव्यवस्थाएं
23 Sep 2022
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News Synopsis

Inflation And Economy: वर्तमान समय rising inflation में बढ़ती महंगाई पर लगाम लगाने के लिए दुनियाभर के केंद्रीय बैंकों central banks ने नीतिगत दरें बढ़ाने के रूप में आक्रामक रुख अपनाया हुआ है। जबकि, इस सख्ती से वैश्विक अर्थव्यवस्था global economy के मंदी के दलदल में फंसने का खतरा बढ़ता नजर आ रहा है। अमेरिकी फेडरल रिजर्व बैंक US Federal Reserve Bank के चेयरमैन जेरोम पॉवेल Jerome Powell ने अपने बयान में कहा है कि यह कोई नहीं जानता कि ब्याज दरों के बढ़ने से मंदी आएगी। यदि ऐसा होता है तो यह कितनी महत्वपूर्ण होगी, इसका भी पता नहीं है। पावेल ने कहा कि उधारी की आसान नीति easy policy की संभावना कम है क्योंकि फेड लगातार चार दशकों में महंगाई का सबसे ज्यादा सामना कर रहा है।

  उन्होंने आगे कहा कि हमें महंगाई को पीछे छोड़ना होगा। उधर, विश्लेषकों ने कहा कि शायद अमेरिका US की यह अंतिम वृद्धि दर होगी क्योंकि यदि आप पिछली नीति को भी देखें तो पहली तिमाही के लिए अनुमान 6 फीसदी से कम है और उसके बाद चीजों में सुधार हुआ है, खासकर महंगाई के मोर्चे पर। बुधवार को अमेरिकी फेडरल US Federal ने ब्याज दर में 0.75 फीसदी की बढ़ोतरी की थी। इसके बाद बृहस्पतिवार को कई देशों ने ब्याज दरें बढ़ा दीं। सभी देश एक तरफ से महंगाई को काबू पाने के लिए ब्याज दरों को बढ़ाने की योजना जारी रखे हैं।

वहीं, भारत का केंद्रीय बैंक आरबीआई RBI भी महंगाई को रोकने के लिए मई से लेकर अब तक तीन बार में 1.40 फीसदी दरें बढ़ा चुका है। इसकी मौद्रिक नीति समिति Monetary Policy Committee की बैठक 28 से 30 सितंबर के बीच होगी। ऐसा अनुमान है कि रेपो दर repo rate में 0.35 से 0.50 फीसदी तक की बढ़ोतरी कर सकता है।