Billdesk के 38,400 करोड़ रुपये के अधिग्रहण से पीछे हटी डच कंपनी PayU, जानें वजह

Share Us

566
Billdesk के 38,400 करोड़ रुपये के अधिग्रहण से पीछे हटी डच कंपनी PayU, जानें वजह
04 Oct 2022
8 min read

News Synopsis

प्रोसस एनवी Prosus NV नामक कंपनी जिसके पास पे यू Pay-U नाम की कंपनी का स्वामित्व है, उसने  सौदे की शर्तों को पूरा नहीं करने के कारण भारतीय भुगतान फर्म Indian Payment Firm बिलडेस्क BillDesk के अधिग्रहण से जुड़ी 4.7 बिलियन अमरीकी डालर USD यानी लगभग 38,400 करोड़ रुपए की डील से पीछे हटने का फैसला किया है। एक बयान में कंपनी की ओर से कहा गया है कि डील की कुछ शर्तों को सितंबर तक की समयसीमा के भीतर पूरा नहीं किया गया इसलिए उसने इस सौदे को निरस्त कर दिया है।

डील के लिए पहले से निर्धारित शर्तों में एक भारतीय प्रतिस्पर्धी आयोग Competitive Commission of India की स्वीकृति को भारतीय कंपनी Indian Company ने 5 सितंबर को हासिल कर लिया था। जबकि, प्रोसस Prosus की ओर से यह नहीं बताया गया कि और कौन सी शर्तें समय सीमा के भीतर पूरी नहीं की गईं। यह यह डील पूरी हो जाती तो डच कंपनी Dutch Company ई-कॉमर्स के लिए यह अब तक का सबसे बड़ा अधिग्रहण होता।

गौर करने वाली बात ये है कि प्रोसस ने पिछले साल 31 अगस्त को अपने पेमेंट गेटवे पेयू की छत्रछाया में भारत के उभरते फिनटेक क्षेत्र में अपना विस्तार करने के लिए बिलडेस्क के अधिग्रहण का ऐलान किया था। बिलडेस्क की स्थापना 2000 में एम एन श्रीनिवासु MN Srinivasu, अजय कौशल और कार्तिक गणपति Ajay Kaushal and Karthik Ganapathi ने की थी।

देश में इंटरनेट और स्मार्टफोन Internet and Smartphones का इस्तेमाल बढ़ने से बिलडेस्क का कारोबार भी हाल के वर्षों में तेजी से बढ़ा है। इस सौदे के संपन्न होने की स्थिति में बिलडेस्क के संस्थापकों को करीब 50-50 करोड़ डॉलर मिलते।