रतन टाटा के बहुत खास थे सायरस मिस्त्री, फिर क्यों चेयरमैन पद से हटाए गए, जानें 

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रतन टाटा के बहुत खास थे सायरस मिस्त्री, फिर क्यों चेयरमैन पद से हटाए गए, जानें 
05 Sep 2022
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News Synopsis

भारत India के प्रमुख उद्योगपतियों Prominent Industrialists में शामिल सायरस पलोनजी मिस्त्री Cyrus Pallonji Mistry का रविवार को मुंबई Mumbai के निकट पालघर Palghar में एक सड़क हादसे में निधन हो गया। दुनियाभर में उनके निधन पर शोक व्यक्त किया जा रहा है। वे 2012 से लेकर 2016 तक भारत की प्रमुख उद्योग समूह टाटा ग्रुप Tata Group के चेयरमैन पद पर रहे। एक समय वह था, जब खुद रतन टाटा ने अपने रिटायरमेंट Retirement का ऐलान करते हुए टाटा ग्रुप की कमान सायरस को सौंपने की बात कही थी। जबकि, महज चार साल बाद ही सायरस के कुछ फैसलों ने रतन टाटा को वापस ग्रुप का नेतृत्व करने के लिए लौटने पर मजबूर कर दिया। बाद में दोनों के बीच विवाद इतना बढ़ चुका था कि मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा।

टाटा और मिस्त्री Tata and Mistry दोनों ही पारसी परिवारों Parsi Families के बीच रिश्ते सिर्फ औद्योगिक स्तर Industrial Level पर ही नहीं थे, बल्कि यह रिश्ते पारिवारिक भी रहे। कहा जाता है कि दोनों के ही पूर्वज पर्शिया (अब ईरान) से भारत के गुजरात आए थे। माना जाता है कि शपूरजी-पलोनजी ग्रुप ने टाटा संस में तब शेयर हासिल किए थे, जब 1930 के दशक में टाटा ने एफई दिनशॉ एंड कंपनी को खरीदा था। जबकि, टाटा कंपनी का कहना है कि मिस्त्री परिवार के पास 1965 तक टाटा के कोई शेयर नहीं थे। बाद में उन्होंने जेआरडी टाटा JRD Tata के भाइयों से इन शेयरों को खरीदा।

अभी भी मिस्त्री समूह टाटा ग्रुप में शेयरधारक है। फिलहाल टाटा परिवार की चैरिटेबल ट्रस्ट Charitable Trust के पास ग्रुप की 66 फीसदी हिस्सेदारी है। टाटा-मिस्त्री परिवारों के रिश्ते पारिवारिक स्तर के भी रहे। जब सायरस को 2011 में टाटा ग्रुप का डिप्टी चेयरमैन बनाया गया, तो रतन टाटा Ratan Tata ने उनकी काफी तारीफ की थी। उन्होंने कहा था कि सायरस की नियुक्ति एक अच्छा और दूरदर्शी चुनाव रहा। टाटा ने कहा था, "वे (सायरस) अगस्त 2006 से ही टाटा संस Tata Sons के बोर्ड में रहे हैं और मैं उनकी गुणवत्ता, उनकी दक्ष समझ और विनम्रता से काफी प्रभावित रहा हूं।

वे दी गई जिम्मेदारियों को निभाने के लिए समझदार और योग्य व्यक्तित्व हैं। मैं अगले कुछ साल उनके साथ काम करने के लिए प्रतिबद्ध हूं, जिससे उन्हें एक्सपोजर में मदद मिलेगी। इससे मेरे रिटायरमेंट के बाद उन्हें पूरी जिम्मेदारी उठाने में मदद मिलेगी।"