खाद्य पदार्थों के दाम बढ़ने से बढ़ सकती है कॉस्ट ऑफ लिविंग

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खाद्य पदार्थों के दाम बढ़ने से बढ़ सकती है कॉस्ट ऑफ लिविंग
07 Mar 2022
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News Synopsis

रूस-यूक्रेन जंग Russia-Ukraine war के दुनिया world को खासे दुष्परिणाम side effects भुगतने होंगे और जीवन यापन की लागत cost of living खासी बढ़ने का अनुमान है। यह कहना है इंटरनेशन मॉनेटरी फंड International Monetary Fund (IMF) की पहली डिप्टी मैनेजिंग डायरेक्टर deputy managing director गीता गोपीनाथ Geeta Gopinath का। किगोपीनाथ ने 5 मार्च को एक ट्वीट के जरिए यह बात रखी। उन्होंने कहा है कि, “एनर्जी और खाद्य पदार्थों  energy and foodstuff के दाम तेजी से बढ़े हैं, इसलिए कई देशों multiple countries में कॉस्ट ऑफ लिविंग खासी बढ़ने का अनुमान है। कंजमप्शन consumption में इसका शेयर 30 फीसदी है और अफ्रीका Africa में तो 50 फीसदी तक है। विशेष रूप से कमोडिटी इंपोर्टर्स commodity importers देशों को इससे तगड़ा झटका लगेगा।” गीता गोपीनाथ ने एक ग्राफ Graph शेयर करते हुए कहा है कि उप सहारा अफ्रीका Sub-Saharan Africa में खाद्य पदार्थों और एनर्जी energy की कीमतें सबसे ज्यादा बढ़ेंगी, जिसके बाद मध्य और पूर्वी यूरोप Central and Eastern Europe, मिडिल ईस्ट Middle East और पश्चिमी अफ्रीका West Africa, लैटिन अमेरिका और इमर्जिंग एशिया Latin America and Emerging Asia पर असर दिखाई देगा। इकोनॉमिस्ट के अनुसार, “विकासशील देशों  Developing Countries में खपत में एनर्जी और फूड के ऊंचे शेयर के साथ ही दुनिया में कंज्यूमर Consumer द्वारा किए जाने वाले मूल्यों के भुगतान पर असर पड़ेगा। यह विकसित देशों में 10 फीसदी, इमर्जिंग मार्केट्स Emerging Markets में 25 फीसदी और कम इनकम वाले दशों में 50 फीसदी है।”