जीडीपी को पटरी पर लाने का लगातार प्रयास जारी- वित्त मंत्रालय

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जीडीपी को पटरी पर लाने का लगातार प्रयास जारी- वित्त मंत्रालय
21 Jun 2022
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News Synopsis

ग्लोबल जीडीपी Global GDP की तरह भारतीय अर्थव्यवस्था Indian Economy की रफ्तार धीमी Slow down होने की आशंका जताई जा रही है। जबकि, महंगाई पर काबू Inflation under control पाने में इससे मदद मिल सकेगी। वित्त मंत्रालय Ministry of Finance ने सोमवार कहा कि देश के सामने निकट भविष्य में वृद्धि को बनाए रखना, राजकोषीय घाटे का प्रबंधन Management of fiscal deficit, महंगाई और चालू खाता Inflation and current account घाटे को काबू में करने की चुनौतियां हैं। वहीं, भारत अन्य देशों के मुकाबले इन चुनौतियों से निपटने को लेकर बेहतर स्थिति में है।

मंत्रालय ने मासिक आर्थिक समीक्षा Monthly economic review के दौरान कहा कि, विकासशील देश ऐसी ही चुनौतियों से जूझ रहे हैं। भारत उनमें बेहतर स्थिति में है। इसकी वजह वित्तीय क्षेत्र में स्थिरता और कोविड टीकाकरण Stability and covid vaccination की सफलता है। अर्थव्यवस्था 2021-22 में कोरोना पूर्व स्तर से बाहर आ गई। पिछले वित्त वर्ष में वास्तविक जीडीपी Growth rate of real GDP की वृद्धि दर 8.7 फीसदी रही, जो 2019-20 से 1.5 फीसदी अधिक है। भारत की वृद्धि संभावना मजबूत है। मौजूदा दशक की बची अवधि में पूंजी निर्माण और रोजगार सृजन में तेजी की उम्मीद है।

रिपोर्ट की माने तो, महंगे आयात के कारण भारत में खुदरा महंगाई  Retail inflation उच्च स्तर पर बनी हुई है। आरबीआई की मई, 2022 की मौद्रिक नीति पर मंत्रालय ने कहा है कि, महंगाई को काबू में करने के लिए रेपो दर बढ़ाई गई है। केंद्रीय बैंक ने बैंकों में उपलब्ध अतिरिक्त नकदी को वापस लेने के लिए भी कदम उठाया है। इन उपायों का असर आने वाले महीनों में अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर और महंगाई पर देखने को मिलेगा। खुदरा महंगाई 4 महीनों से 6 फीसदी के ऊपर है।