फिर से लौटे जैसे कुछ हुआ ही नहीं

Share Us

1447
फिर से लौटे जैसे कुछ हुआ ही नहीं
29 Oct 2021
3 min read

News Synopsis

कुदरत जब घाव देती है तो वह उस पर मरहम लगाने का इंतज़ाम भी पहले से ही करके रखती है। हम इंसानों के पास अपना इलाज़ करने के लिए अपना स्वयं का दिमाग है, परन्तु बाकियों के पास यह गुण नहीं है, यही कारण है कि प्रकृति स्वयं उनकी सुरक्षा का जिम्मा उठाती है। ऑस्ट्रेलिया के जंगल में नदी के सूख जाने के कारण भयावह हुआ मंजर, जिसको पुनः व्यवस्थित कर पाना इंसानों के लिए भी नामुमकिन हो गया, उसे दो सालों बाद देख कर यह बिल्कुल भी नहीं लगता कि वहां की स्थिति कभी ऐसी भी रही होगी। फिर से हरा-भरा हुआ वहां का आवरण इस बात का सबूत है कि प्रकृति कभी किसी को उदास नहीं करती है।