मिट्टी की ताकत खत्म कर रहे रसायन

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रसायनों के ज्यादा उपयोग से उपजाऊ मिट्टी Fertile Soil की सेहत खराब हो रही है। अधिक फसल उत्पादन लेने की होड़ में रसायनों के अंधाधुंध प्रयोग से गंगा-यमुना Ganga-Yamuna की उपजाऊ मिट्टी को ख़राब कर रहें है। इसी दिशा में किसानों को मिट्टी का रिपोर्ट कार्ड देने से सरकार ने भी हाथ खींच लिए हैं। अब केवल जागरूक किसान ही निर्धारित फीस और मिट्टी के नमूने देकर लैब से जांच करा रहे हैं। खेतों की जांच के लिए किसान एक से दो हजार रुपये तक खर्च कर रहे हैं।
क्षेत्रीय भूमि परीक्षण प्रयोगशाला Regional Land Testing Laboratory की रिपोर्ट के अनुसार जनपद की मिट्टी में जीवांश कार्बन Carbon जिंक Zinc सल्फर Sulfur और आयरन Iron की सबसे ज्यादा कमी होती जा रही है। आपको बता दें कि केंद्र सरकार ने 2015-16 में मृदा स्वास्थ कार्ड Soil Health Card योजना शुरू की थी। इसमें सरकार की तरफ से मिट्टी की जांच करके किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड दिए गए थे। चार साल चलने के बाद अब यह योजना बंद पड़ी है।
इस बारे में क्षेत्रीय भूमि परीक्षण प्रयोगशाला के मृदा विशेषज्ञ Regional Land Testing Laboratory's Soil Specialist प्रदीप भारद्वाज Pradeep Bhardwaj ने बताया कि जीवांश कार्बन Biomass Carbon की कमी दूर करने के लिए किसान गोबर की खाद, हरी खाद वर्मी कंपोस्ट आदि के प्रयोग के साथ ही फसल चक्र भी अपनाए। वहीं दूसरी ओर कृषि वैज्ञानिकों का कहना है कि मिट्टी में पोषक तत्वों की कमी के चलते फसल में भी पोषक तत्वों की कमी हो रही है। यही कारण है कि लोगों को खाद्यान्न से पूरा पोषण नहीं मिल पा रहा है।