कोयला खनन लीज रद्द होने पर केंद्र पर लगा 1 लाख रुपए का जुर्माना

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कोयला खनन लीज रद्द होने पर केंद्र पर लगा 1 लाख रुपए का जुर्माना
18 Aug 2022
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News Synopsis

कोयला खनन Coal Mining की लीज मामले में सुप्रीम कोर्ट Supreme Court ने केंद्र सरकार Central Government के खिलाफ सख्ती का रुख अपनाया है। कोर्ट ने बुधवार को केंद्र पर उसके लापरवाह और ढीले रवैये के लिए एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया, जिसके कारण 1997 में मध्यप्रदेश में निजी कंपनी बीएलए इंडस्ट्रीज BLA Industries को दिए गए कोयला ब्लॉक Coal Block को रद्द कर दिया गया था। शीर्ष अदालत ने यह भी कहा कि केंद्रीय कोयला मंत्रालय Union Ministry of Coal निजी कंपनी की तरफ से खदान से निकाले गए कोयले पर अतिरिक्त शुल्क के भुगतान के दावे की हकदार नहीं था।

न्यायालय ने कहा कि केंद्र के इस प्रकार के दावे को खारिज किया जाता है। शीर्ष अदालत ने मामले में केंद्र को कानूनी खर्च के रूप में कंपनी को चार सप्ताह के भीतर एक लाख रुपये देने का निर्देश दिया। मुख्य न्यायाधीश एनवी रमण Chief Justice NV Ramana, न्यायाधीश कृष्ण मुरारी Justice Krishna Murari तथा न्यायाधीश हिमा कोहली Judge Hima Kohli की पीठ ने बीएलए इंडस्ट्रीज से संबंधित मामले के पूरे घटनाक्रम का उल्लेख किया। न्यायालय ने कहा, हम प्रतिवादी के आचरण के संबंध में टिप्पणियां करने के लिए विवश हैं। यह एक ऐसा मामला है जहां एक निजी कंपनी ने कामकाज शुरू करने के लिए बड़ी राशि निवेश करने से पहले सभी नियमों और कानूनों का पालन किया।

जबकि दूसरी तरफ मामले के तथ्यों को देखने से ऐसा लगता है कि केंद्र सरकार ने कानून का पूरी तरह से पालन नहीं किया। पीठ ने कहा कि निजी कंपनी को केंद्र के लापरवाह और अड़ियल रुख के कारण नुकसान उठाना पड़ा। न्यायालय ने कहा, इतना ही नहीं याचिकाकर्ता की समस्याओं को बढ़ाने के लिए प्रतिवादी ने इस अदालत के समक्ष हलफनामा दायर किया। इसमें याचिकाकर्ता को अनुचित व्यवहार करने वाले खान मालिकों की श्रेणी में रखने की बात कही गई।