कैबिनेट ने UPI को बढ़ावा देने के लिए 1500 करोड़ के इंसेंटिव को मंजूरी दी

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यूनियन कैबिनेट ने 2024-25 के लिए कम वैल्यू वाले BHIM-UPI पीयर-टू-पीयर मर्चेंट ट्रांसक्शन को बढ़ावा देने के लिए 1,500 करोड़ रुपये के इंसेंटिव को मंजूरी दी है।
यह स्कीम FY25 में 200 बिलियन की लक्ष्य वॉल्यूम प्राप्त करने के लिए भीम-यूपीआई प्लेटफॉर्म को बढ़ावा देने के लिए शुरू की जा रही है।
यह पहली बार है, जब केंद्र ने भीम-यूपीआई इंसेंटिव की रूपरेखा तैयार करने के संदर्भ में छोटे और बड़े मर्चेंट्स को परिभाषित किया है।
सेंटर ने छोटे मर्चेंट्स द्वारा किए गए 2,000 रुपये तक के ट्रांसक्शन वैल्यू के लिए 0.15 प्रतिशत की इंसेंटिव रेट निर्धारित की है, जबकि सेम वैल्यू ब्रैकेट के बड़े मर्चेंट्स को कोई इंसेंटिव नहीं मिलेगा।
2,000 रुपये से अधिक के ट्रांसक्शन के लिए किसी को भी कोई इंसेंटिव नहीं मिलेगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी Prime Minister Narendra Modi ने कहा "कम वैल्यू के यूपीआई ट्रांसक्शन को बढ़ावा देने की इंसेंटिव स्कीम, जिसे कैबिनेट ने मंजूरी दी है, डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देगी और 'Ease of Living' बनाएगी।"
हालांकि इंडस्ट्री जगत के खिलाड़ी इस आवंटन से खुश नहीं हैं, कई लोगों ने विकास की गति को बनाए रखने के बारे में चिंता जताई है।
वर्तमान में डिजिटल पेमेंट को संभालने वाले बैंक और फर्म यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस पर ट्रांसक्शन की प्रक्रिया का खर्च वहन करते हैं।
मर्चेंट डिस्काउंट रेट एक फीस है, जो मर्चेंट्स बैंकों या कंपनियों को ट्रांसक्शन निष्पादित करने के लिए पेमेंट करते हैं।
"UPI के जीरो MDR के साथ और सरकार द्वारा 2024 में 246.82 ट्रिलियन रुपये के ट्रांसक्शन की प्रक्रिया के लिए केवल 1,500 करोड़ रुपये आवंटित करना इकोसिस्टम के लिए पर्याप्त नहीं होगा। यह स्केलिंग और ग्रोथ के लिए धन के लिए पूरे इकोसिस्टम को अवरुद्ध कर देगा," इंफीबीम एवेन्यू के जॉइंट मैनेजिंग डायरेक्टर विश्वास पटेल Vishwas Patel ने कहा।
इंडस्ट्री के अनुमानों के अनुसार UPI ट्रांसक्शन की प्रक्रिया की लागत को कवर करने के लिए 4,000-5,000 करोड़ रुपये के इंसेंटिव की आवश्यकता है, जो MDR-फ्री जारी रहेगा।
विश्वास पटेल ने कहा "हम सरकारी इंसेंटिव पर जीवित नहीं रहना चाहते। इसका एकमात्र समाधान यह है, कि सरकार हमें यूपीआई पी2एम ट्रांसक्शन पर 25 बीपीएस का कम कंट्रोल एमडीआर चार्ज करने की अनुमति दे, केवल उन मर्चेंट्स के लिए जिनका टर्नओवर 40 लाख रुपये से अधिक है। छोटे मर्चेंट्स को जीरो एमडीआर देकर इंसेंटिव जारी रखा जा सकता है।"
FY24 में सरकार द्वारा BHIM-UPI के लिए दिए गए इंसेंटिव 3,268 करोड़ रुपये थे। FY23 और FY22 में ये क्रमशः 1,802 करोड़ रुपये और 957 करोड़ रुपये थे। RuPay डेबिट कार्ड को बढ़ावा देने के लिए लगभग 408 करोड़ रुपये और 432 करोड़ रुपये एप्रूव्ड किए गए।
विश्वास पटेल ने कहा कि इस क्षेत्र के लिए यह परिव्यय अपर्याप्त है, क्योंकि फंडिंग विंटर में देरी हो रही है, पेमेंट-एक्सेप्टेन्स मेकैनिज्म लागू करने की लागत बढ़ रही है, तथा कंप्लायंस लागत में भी वृद्धि हो रही है।
डिजिटल लेंडर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया के चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर जतिंदर हांडू ने कहा "हम छोटे मर्चेंट्स के लिए 2,000 रुपये तक के कम वैल्यू के ट्रांसक्शन को 0.15 प्रतिशत की रेट से प्रोत्साहित करने के कैबिनेट के फैसले का स्वागत करते हैं। हमें उम्मीद है, कि भविष्य में कम वैल्यू (पी2एम) ट्रांसक्शन के लिए मार्केट-ड्रिवेन सस्टेनेबल प्राइसिंग फ्रेमवर्क सभी खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करने के लिए विकसित होगा।"
परिव्यय की शर्तों में कहा गया है, कि अधिग्रहण करने वाले बैंकों द्वारा स्वीकार किए गए दावों का 80 प्रतिशत बिना शर्त वितरित किया जाएगा। हालांकि बाकी राशि बैंकों की टेक्निकल गिरावट 0.75 प्रतिशत से कम होने और 99.5 प्रतिशत से अधिक सिस्टम अपटाइम होने जैसी शर्तों को पूरा करने पर निर्भर करेगी।
इंसेंटिव का उद्देश्य BHIM-UPI प्लेटफॉर्म को बढ़ावा देना और FY25 में 20,000 करोड़ रुपये के ट्रांसक्शन वॉल्यूम का लक्ष्य हासिल करना आदि शामिल है।