Bisleri: रिलायंस की जगह बिसलेरी को टाटा ग्रुप ने चुना, ब्रांड संस्थापक ने ये कहा

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Bisleri: रिलायंस की जगह बिसलेरी को टाटा ग्रुप ने चुना, ब्रांड संस्थापक ने ये कहा
24 Nov 2022
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News Synopsis

Bisleri: मशहूर शीतल पेय ब्रांड थम्स अप Thums Up गोल्ड स्पॉट और लिम्का Gold Spot and Limca को कोका-कोला को बेचने के लगभग तीन दशक बाद रमेश चौहान Ramesh Chauhan बिसलेरी इंटरनेशनल Bisleri International को टाटा कंज्यूमर प्रोडक्ट्स लिमिटेड Tata Consumer Products Limited (TCPL) को लगभग ₹6,000-7,000 करोड़ में बेच रहे हैं। इस खबर के बाद टाटा कंज्यूमर प्रोडक्ट्स के शेयरों Shares of Tata Consumer Products में 2.68 प्रतिशत यानी 20.65 रुपये की बढ़त देखने को मिल रही है।

फिलहाल यह 790.80 रुपए के लेवल पर कारोबार कर रहा है। मीडिया के साथ एक बातचीत में 82 वर्षीय रमेश चौहान ने इस बात का खुलासा किया है कि उन्होंने अपनी कंपनी को बेचने के लिए टाटा समूह Tata Group को ही क्यों चुना, जबकि बिसलेरी को खरीदने के लिए रिलायंस और नेस्ले Reliance and Nestle जैसी दिग्गज कंपनियां भी इच्छा जाहिर कर चुकी थीं? इस पर रमेश चौहान के मुताबिक बिसलेरी को किसी औश्र को सौंपना उनके लिए एक मुश्किल फैसला रहा। पर उन्हें यह फैसला लेना पड़ा, क्योंकि उनके पास इसे आगे ले जाने के लिए उत्तराधिकारी नहीं है।

उनकी बेटी को इस बिजनेस में रुचि नहीं है। बिसलेरी भारत की सबसे बड़ी पैकेज्ड ड्रिंकिंग वॉटर Large packaged drinking water company  बेचने वाली कंपनी है। टाटा ग्रुप को ही ब्रांड को सौंपने का कारण बताते हुए उन्होंने कहा कि मैं टाटा समूह की ईमानदारी और जीवन मूल्यों को सम्मान करने वाली संस्कृति को पसंद करता हूं। यही वजह है कि अपने ब्रांड को सौंपने के लिए मैंने टाटा ग्रुप का चयन किया। जबकि इसे खरीदने के लिए दूसरे पक्ष भी बहुत दिलचस्पी ले रहे थे। टाटा ग्रुप के शीर्ष अधिकारियों की तारीफ करते हुए उन्होंने कहा कि वे अच्छे लोग हैं, मैं उन्हें पसंद करता हूं।

गौर करने वाली बात ये है कि बीते कुछ समय में बिसलेरी के संस्थापक Founder of Bisleri रमेश चौहान, टाटा सन्स के अध्यक्ष Chairman of Tata Sons एन चंद्रशेखरन N Chandrasekaran और टाटा कंज्यूमर्स के सीईओ सुनील डीसूजा Tata Consumers CEO Sunil D'Souza के बीच कई मुलाकातें हो चुकी हैं। साथ ही चौहान ने यह भी बताया कि वह बिसलेरी के टाटा समूह का हिस्सा बनने के बाद कंपनी में माइनॉरिटी स्टेक Minority Stake भी नहीं लेना चाहते हैं।