किया और हुंडई की कारों में मिली बड़ी कमी!, बरतें ये सावधानी

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आप अगर कारों Cars के शौकीन हैं और आपके पास भी किया या हुंडई Kia or Hyundai की कार है तो ये खबर आपके लिए है। साउथ कोरियन कंपनी South Korean Company की कारें भारत में भी काफी फेमस हैं। हुंडई भारत में सेट्रो Cetro, आई-10 i-10, आई-20 i-20, वर्ना, वेन्यू Venue, क्रेटा Creta जैसी कारें बेचती है तो किया भी भारत में सोनेट Sonet, कैरेंस Carens, सेल्टॉस Seltos जैसी कारों को बेचती है। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो दोनों कंपनियों की कारें चोरों के लिए सबसे आसान शिकार हैं। आखिर क्यों इन दोनों कंपनियों की कारें ऐसा क्या है कि चोरों को ये बहुत पसंद हैं आइए जानें। इंश्योरेंस इंस्टीट्यूट फॉर हाइवे सेफ्टी Insurance Institute for Highway Safety की वेबसाइट पर दी गई जानकारी के मुताबिक हुंडई और किया की कुछ कारों में एक खास सेफ्टी फीचर Safety Features नहीं था जिसके कारण इन्हें चोरी करना काफी आसान है।
इंस्टीट्यूट की रिसर्च Institute of Research के मुताबिक साल 2015 से लेकर 2019 के बीच बनाई गई कारों में इलेक्ट्रॉनिक इमोबिलाइजर Electronic Immobilizer नहीं था जिस कारण इन्हें चोरी करना बाकी कारों के मुकाबले आसान है। इंस्टीट्यूट की एक और यूनिट है जिसका नाम द हाइवे लॉस डेटा इंस्टीट्यूट The Highway Loss Data Institute है। इसकी रिपोर्ट में पाया गया है कि बिना इमोबिलाइजर वाली हुंडई और किया की कारें चोरी होने की दर 2.28 प्रति एक हजार बीमित वाहन वर्ष है। इन दोनों कंपनियों के अलावा बाकी कंपनियों में ये दर 1.21 प्रति एक हजार बीमित वाहन वर्ष है। साल 2000 से भी पहले से दुनिया की कुछ कार कंपनियों ने चिप वाली चाबियों Chip Keys को कार के साथ देना शुरू कर दिया था।
ऐसी चाबियों की खासियत ये होती है कि जब तक चाबी में आने वाली चिप कार में मौजूद दूसरी चिप के साथ कनेक्ट नहीं होती तब तक ऐसी कारों को स्टार्ट नहीं किया जा सकता। सीधे शब्दों में बताया जाए तो अगर कार की सही चाबी के अलावा कोई भी व्यक्ति दूसरी चाबी से कार को स्टार्ट Start the Car करने की कोशिश करेगा तो कार स्टार्ट ही नहीं होगी।