इस वजह से जीवाश्म ईंधन से प्राप्त होने वाले राजस्व में हो सकती है कटौती

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इस वजह से जीवाश्म ईंधन से प्राप्त होने वाले राजस्व में हो सकती है कटौती
08 Jul 2022
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News Synopsis

ग्लोबल वार्मिंग Global Warming कम करने की ओर अगर भारत बढ़ा तो जीवाश्म ईंधन Fossil Fuels के माध्यम से होने वाली आय में बड़ा घाटा Big Deficit हो सकता है। ग्लोबल वार्मिंग को 1.5 डिग्री सेल्सियस तक सीमित करने के अपने प्रयासों में भारत को जीवाश्म ईंधन से प्राप्त होने वाले राजस्व Revenue में कटौती का सामना करना पड़ेगा। अगर समय रहते इस मामले में योजनाबद्ध तरीके से काम किया गया तो राजस्व में कमी को बहुत हद तक कम किया जा सकता है।

International Institute for Sustainable Development (आईआईएसडी) की ताजा रिपोर्ट में यह बात सामने आई है। आईआईएसडी की रिपोर्ट में जानकारी देते हुए बताया गया है कि 2019 में भारत ने जीवाश्म ईंधन उत्पादन और खपत Production and Consumption से 92.9 बिलियन अमरीकी डालर का राजस्व कमाया था, जो कि देश के कुल सरकारी राजस्व का 18 फीसदी था।

स्वतंत्र थिंक टैंक Independent Think Tank आईआईएसडी IISD ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि अगर भारत ग्लोबल वार्मिंग को 1.5 डिग्री सेल्सियस तक सीमित करने के अपने लक्ष्य की ओर बढ़ता है तो 2050 तक 2019 की तुलना में जीवाश्न ईंधन से होने वाली राजस्व प्राप्ति में लगभग 65 फीसदी तक की गिरावट आ जाएगी।