News In Brief Business and Economy
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SBI को छोड़कर सभी बैंकों को होना चाहिए निजीकरण- रिपोर्ट

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SBI को छोड़कर सभी बैंकों को होना चाहिए निजीकरण- रिपोर्ट
16 Jul 2022
7 min read

News Synopsis

देश में निजीकरण Privatization in the country को लेकर सरकार तेजी से आगे बढ़ रही है। सरकार जल्दी ही दो सरकारी बैंकों का निजीकरण करने जा रही है, जिसकी तैयारी लगभग पूरी हो चुकी है। कई कंपनियों के लिए बोलियां भी शुरू हो गई है। सूत्रों की मानें तो इस साल सितंबर तक प्राइवेटाइजेशन शुरू हो सकता है। दूसरी तरफ, सरकारी कर्मचारी इसके विरोध में लगातार हड़ताल भी कर रहे हैं, लेकिन इसी बीच देश के दो प्रमुख अर्थशास्त्रियों का कहना है कि सरकार को भारतीय स्‍टेट बैंक State Bank of India को छोड़कर सभी सरकारी बैंकों को प्राइवेट हाथों में सौंप देना चाहिए।

नेशनल काउंसिल ऑफ एप्लाइड इकोनॉमिक रिसर्च National Council of Applied Economic Research की एक रिपोर्ट के अनुसार पिछले दशक के दौरान एसबीआई को छोड़कर अधिकांश सरकारी बैंक, प्राइवेट बैंकों से पिछड़ गए हैं। NCAER की पूनम गुप्ता और अर्थशास्त्री अरविंद पनगढ़िया Poonam Gupta and economist Arvind Panagariya द्वारा लिखित रिपोर्ट में कहा गया है कि पीएसबी ने अपने प्राइवेट सेक्टर के समकक्षों की तुलना में संपत्ति और इक्विटी पर कम रिटर्न प्राप्त किया है। इस पॉलिसी पेपर में कहा गया है कि सैद्धांतिक रूप से भारतीय स्‍टेट बैंक सहित सभी सरकारी बैंकों का निजीकरण किया जाना चाहिए।

इस रिपोर्ट में यह भी कहा कि कम सरकारी स्वामित्व वाले सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का निजीकरण करना आसान होगा। ऐसा इसलिए है क्योंकि निजीकरण के लिए चुने गए पहले दो बैंकों को भविष्य के निजीकरण की सफलता के लिए एक उदाहरण स्थापित करना चाहिए। दो या दो से अधिक खरीदारों को आकर्षित करने के लिए बाजारों को चुने हुए बैंकों में मूल्य देखना चाहिए।