अडानी पोर्ट्स को 45,000 करोड़ के मुंद्रा पोर्ट विस्तार की मंजूरी मिली

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अडानी पोर्ट्स को 45,000 करोड़ के मुंद्रा पोर्ट विस्तार की मंजूरी मिली
17 Jun 2024
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News Synopsis

गौतम अडानी Gautam Adani के नेतृत्व वाली अडानी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक ज़ोन लिमिटेड Adani Ports & Special Economic Zone Ltd को सेंटर से महत्वपूर्ण एनवायर्नमेंटल और कोस्टल रेगुलेशन जोन की मंजूरी मिल गई है, जिससे मुंद्रा स्थित अपने प्रमुख पोर्ट की क्षमता को 45,000 करोड़ के निवेश से दोगुना से अधिक बढ़ाकर 514 मिलियन टन किया जा सकेगा।

इससे एपीएसईजेड का मामला मजबूत हो सकता है, जबकि वह गुजरात सरकार से पोर्ट के लिए कन्सेशन पीरियड पर रोलओवर की मांग कर सकता है, जो 30 साल की अवधि के बाद 2031 में समाप्त हो रही है।

गुजरात के कच्छ जिले में स्थित इस पोर्ट के पास वर्तमान में प्रति वर्ष 225 मीट्रिक टन कार्गो के संचालन की डिजाइन कैपेसिटी तथा एनवायर्नमेंटल एवं कोस्टल रेगुलेशन जोन अनुमोदन है, जिसमें 9.5 मिलियन बीस-फुट एक्विवैलेन्ट यूनिट्स शामिल हैं, जो कंटेनरों के लिए उपयोग किया जाने वाला एक स्टैण्डर्ड माप है।

मुंद्रा भारत का सबसे बड़ा कमर्शियल पोर्ट और साथ ही देश का टॉप कंटेनर पोर्ट ने वर्ष 2024 में 7.4 मिलियन टीईयू सहित 179.6 मिलियन टन कार्गो का प्रबंधन किया, जो भारत में सभी कार्गो वॉल्यूम का एक चौथाई से अधिक और कंटेनर कार्गो का एक तिहाई से अधिक है।

अप्रैल में शुरू हुए वित्तीय वर्ष के लिए अपने वॉल्यूम मार्गदर्शन में APSEZ ने कहा कि वर्ष 2025 में कार्गो हैंडलिंग में 200 मीट्रिक टन का आंकड़ा पार करने की उम्मीद है। यह उपलब्धि हासिल करने वाला यह देश का पहला पोर्ट बन जाएगा।

ग्लोबल स्तर पर 70% की क्षमता उपयोग को पोर्ट्स/टर्मिनलों के लिए कंजेस्शन और प्रोडक्टिविटी संबंधी समस्याओं का सामना किए बिना कुशलतापूर्वक संचालन करने के लिए आदर्श स्तर माना जाता है। पोर्ट इंडस्ट्री ने कहा "70% क्षमता उपयोग पर टर्मिनल पूरी दक्षता से काम करता है। इससे ऊपर दक्षता कम हो जाती है, और देरी होने लगती है।"

पिछले कुछ वर्षों में पोर्ट की वृद्धि दर दोहरे अंकों में रही है, जिससे यह जल्द ही अपनी पूर्ण निर्धारित क्षमता तक पहुंचने की ओर अग्रसर है, एपीएसईजेड ने मुंद्रा पोर्ट पर 3,335 हेक्टेयर में फैले वाटरफ्रंट डेवलपमेंट प्लान के विस्तार के तहत क्षमता को 289 मीट्रिक टन बढ़ाकर 514 मीट्रिक टन करने के लिए पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय से जुड़ी विशेषज्ञ मूल्यांकन समिति को आवेदन किया था। क्षमता विस्तार बहुउद्देशीय, लिक्विड, गैस और क्रायोजेनिक कार्गो की जरूरतों को पूरा करेगा।

2030 तक दुनिया की सबसे बड़ी ट्रांसपोर्ट यूटिलिटी और पोर्ट ऑपरेटर बनने के APSEZ के लक्ष्य के लिए मुंद्रा का विस्तार महत्वपूर्ण है। वर्तमान में भारत के समुद्र तट पर इसके 15 पोर्ट्स/टर्मिनलों का नेटवर्क है, जिसकी क्षमता प्रति वर्ष लगभग 627 मीट्रिक टन कार्गो को संभालने की है। यह इज़राइल में हाइफ़ा पोर्ट, तंजानिया में दार एस सलाम पोर्ट पर एक कंटेनर टर्मिनल भी चलाता है, और कोलंबो पोर्ट पर एक बॉक्स टर्मिनल का निर्माण कर रहा है।