Action: लोन देने वाले चीनी ऐप्स के खिलाफ MHA सख्त, कार्रवाई के निर्देश

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Action: लोन देने वाले चीनी ऐप्स के खिलाफ MHA सख्त, कार्रवाई के निर्देश
31 Oct 2022
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News Synopsis

Action: सरकार Government ने उधार देने वाली चीनी एप Chinese App को लेकर सख्त रवैया अपनाया है। लोन देने वाली चीनी ऐप्स के खिलाफ केंद्रीय गृह मंत्रालय Union Ministry of Home Affairs ने कड़ा रुख अपनाते हुए कानून प्रवर्तन एजेंसियों Law Enforcement Agencies से तत्काल सख्त कार्रवाई Strict Action करने को कहा है। साथ ही ऐसे चीनी ऐप्स के खिलाफ कार्रवाई के लिए राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों States and Union Territories को पत्र भी लिखा है। सरकार सख्त इस लिए हुई है कि क्योकि, हाल के दिनों में चीन-नियंत्रित संस्थाओं China-controlled Entities द्वारा उत्पीड़न harassment, ब्लैकमेल और कठोर वसूली  blackmail and harsh recovery के कारण आत्महत्या suicide की कई घटनाएं सामने आईं हैं।

इनको देखते हुए केंद्र ने यह कदम उठाया है। अवैध डिजिटल ऋण Illegal Digital Loan देने वाले ऐप्स के खिलाफ कार्रवाई को लेकर गृह मंत्रालय द्वारा सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को भेजे पत्र में कहा गया है कि इस मुद्दे ने राष्ट्रीय सुरक्षा, अर्थव्यवस्था और नागरिक सुरक्षा पर गंभीर प्रभाव डाला है। पत्र में गृह मंत्रालय ने कहा है कि भारत भर में अवैध डिजिटल ऋण देने वाले ऐप्स से संबंधित बड़ी संख्या में शिकायतें मिली हैं। ये चीनी एप विशेष रूप से कमजोर और निम्न-आय वर्ग के लोगों के लिए प्रसंस्करण या छिपे हुए शुल्क के साथ अत्यधिक ब्याज दरों पर अल्पकालिक ऋण या माइक्रो-क्रेडिट प्रदान करते हैं। इसमें आगे कहा गया है कि ऋणदाता ब्लैकमेल और उत्पीड़न के लिए उधारकर्ताओं के गोपनीय व्यक्तिगत डेटा जैसे संपर्क, स्थान, फोटो और वीडियो का उपयोग करते हैं।

इन सब कारणों के कारण कई लोगों ने आत्महत्या भी कर ली है। मंत्रालय ने यह भी कहा है कि ये ऐप  भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा विनियमित संस्था (आरई) नहीं हो सकते हैं। गृह मंत्रालय ने कहा कि ये अवैध उधार देने वाले ऐप बड़े पैमाने पर थोक एसएमएस SMS, डिजिटल विज्ञापन Digital Ads, चैट मैसेंजर और मोबाइल ऐप स्टोर Chat Messenger and Mobile App Stores का उपयोग कर रहे हैं। ऋण लेने के लिए ग्राहकों को एड्रेस, मोबाइल डेटा में अनिवार्य पहुंच आदि की स्वीकार्यता और जानकारी देनी होती है।  राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को बताया गया कि भारत में स्थित रिकवरी एजेंटों के साथ-साथ विदेशों में आरबीआई के फेयर प्रैक्टिस कोड  Fair Practice Code का उल्लंघन करते हुए मॉर्फ की गई फोटो और अन्य डेटा का उपयोग करके नागरिकों को परेशान करने और ब्लैकमेल करने के लिए किया जाता है। गृह मंत्रालय ने कहा कि जांच के बाद यह पाया गया है कि यह एक संगठित साइबर अपराध Cybercrime है।