News In Brief Business and Economy
News In Brief Business and Economy

UPI ने अगस्त 2025 में 20 बिलियन ट्रांजैक्शन का रिकॉर्ड बनाया

Share Us

58
UPI ने अगस्त 2025 में 20 बिलियन ट्रांजैक्शन का रिकॉर्ड बनाया
01 Sep 2025
6 min read

News Synopsis

भारत का यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) डिजिटल भुगतान के क्षेत्र में लगातार नए रिकॉर्ड बना रहा है। अगस्त 2025 में UPI ने 20 बिलियन से ज्यादा मासिक लेन-देन का आंकड़ा पार कर लिया। नेशनल पेमेंट्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) द्वारा प्रबंधित यह प्लेटफॉर्म अब भारत के डिजिटल पेमेंट इकोसिस्टम की रीढ़ बन चुका है। शहरी ही नहीं बल्कि ग्रामीण इलाकों में भी UPI की बढ़ती स्वीकृति ने लोगों के भुगतान करने के तरीके को पूरी तरह बदल दिया है।

UPI मासिक लेन-देन की वृद्धि UPI Monthly Transaction Growth

नेशनल पेमेंट्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) National Payments Corporation of India (NPCI) के आंकड़ों के अनुसार, अगस्त 2025 में UPI ने 20.01 बिलियन लेन-देन दर्ज किए, जबकि जुलाई में यह संख्या 19.47 बिलियन थी। यह लगातार बढ़ते मासिक ग्रोथ को दर्शाता है। हालांकि लेन-देन की संख्या में रिकॉर्ड वृद्धि दर्ज हुई, लेकिन ट्रांजैक्शन वैल्यू ₹24.85 लाख करोड़ रही, जो जुलाई के ₹25.08 लाख करोड़ से थोड़ी कम थी।

यह साफ करता है कि अधिक लोग डिजिटल माध्यम से छोटे और बड़े दोनों तरह के भुगतान कर रहे हैं और औसत ट्रांजैक्शन साइज स्थिर हो गया है।

UPI साल-दर-साल वृद्धि UPI Year-on-Year Growth

पिछले साल की तुलना में UPI लेन-देन में 33% की जबरदस्त बढ़ोतरी हुई। अगस्त 2024 में जहां लगभग 15 बिलियन लेन-देन हुए थे, वहीं अगस्त 2025 में यह बढ़कर 20 बिलियन से अधिक हो गए।
इस दौरान कई नए रिकॉर्ड भी बने:

  • 2 अगस्त को पहली बार 700 मिलियन दैनिक लेन-देन दर्ज हुए।

  • 721 मिलियन लेन-देन एक ही दिन में दर्ज कर नया रिकॉर्ड बनाया गया।

ये आंकड़े दर्शाते हैं कि भारत में UPI किस तेजी से अपनाया जा रहा है और यह दैनिक वित्तीय लेन-देन का अहम हिस्सा बन चुका है।

यूपीआई अपनाने पर विशेषज्ञों की राय Expert Insights on UPI Adoption

स्पाइस मनी के फाउंडर और सीईओ दिलीप मोदी ने कहा:
“34% साल-दर-साल की वृद्धि और लगातार मासिक बढ़ोतरी दिखाती है कि डिजिटल पेमेंट केवल शहरी ट्रेंड तक सीमित नहीं है। अब यह तेजी से ग्रामीण भारत में भी लोकप्रिय हो रहा है और लाखों लोगों की जीवनशैली का हिस्सा बन चुका है।”

उन्होंने यह भी बताया कि UPI का बढ़ता पैमाना वित्तीय समावेशन को बढ़ावा दे रहा है, जिससे लोग क्रेडिट, इंश्योरेंस और सेविंग्स जैसी सेवाओं तक आसानी से पहुंच पा रहे हैं।

वहीं वर्ल्डलाइन इंडिया के चीफ डिलीवरी एंड ऑपरेशंस ऑफिसर रामकृष्णन रामामूर्ति ने कहा:
“त्योहारी सीजन की शुरुआत और खपत में वृद्धि ने जुलाई की तुलना में अगस्त में UPI वॉल्यूम को बढ़ाया है। डिजिटल भुगतान का प्राथमिक विकल्प बनने की दिशा में UPI का प्रसार लगातार जारी है।”

भारत की डिजिटल अर्थव्यवस्था में UPI की भूमिका UPI’s Role in India’s Digital Economy

2016 में लॉन्च हुआ UPI अब भारत के डिजिटल भुगतान तंत्र की नींव बन चुका है। मोबाइल डिवाइस के जरिए तुरंत पैसे ट्रांसफर करने की सुविधा ने नकदी और पारंपरिक बैंकिंग पर निर्भरता कम कर दी है।

UPI की खासियत Features of UPI:

  • सुविधा (Convenience): 24/7 तुरंत ट्रांसफर।

  • पहुंच (Accessibility): शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों के लिए उपलब्ध।

  • वित्तीय समावेशन (Financial Inclusion): औपचारिक वित्तीय सेवाओं तक आसान पहुंच।

यह माइलस्टोन इस बात का प्रमाण है कि UPI भारत की डिजिटल अर्थव्यवस्था का अहम चालक बन चुका है।

मुख्य बिंदु Key Takeaways

  • अगस्त 2025 में UPI ने 20 बिलियन से ज्यादा लेन-देन दर्ज किए।

  • ट्रांजैक्शन वैल्यू ₹24.85 लाख करोड़ रही।

  • सालाना आधार पर 33% की वृद्धि हुई।

  • दैनिक लेन-देन 700 मिलियन से ऊपर पहुंचे।

  • विशेषज्ञों ने इसे वित्तीय समावेशन और डिजिटल अपनाने का प्रतीक बताया।

निष्कर्ष Conclusion

UPI ने अगस्त 2025 में 20 बिलियन मासिक लेन-देन का आंकड़ा पार कर एक नया इतिहास रच दिया है। यह न केवल शहरी बल्कि ग्रामीण भारत में भी तेजी से अपनाया जा रहा है। औसत ट्रांजैक्शन साइज के स्थिर रहने से यह साफ है कि छोटे और बड़े दोनों तरह के भुगतान के लिए लोग इस पर भरोसा कर रहे हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, UPI ने वित्तीय समावेशन को मजबूती दी है और लाखों लोगों को औपचारिक बैंकिंग सेवाओं से जोड़ा है।

त्योहारी सीजन की शुरुआत के साथ आने वाले महीनों में इसमें और भी तेजी देखने को मिल सकती है। UPI की यह उपलब्धि भारत की डिजिटल अर्थव्यवस्था को वैश्विक स्तर पर मजबूती से पेश करती है और यह दर्शाती है कि आने वाले वर्षों में भी इसका प्रभाव लगातार बढ़ता रहेगा।