यूपी ने ‘UP AGREES’ और 'AI Pragya' प्रोग्राम लॉन्च किया

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उत्तर प्रदेश सरकार और वर्ल्ड बैंक ने दो प्रोग्राम शुरू किए - एक पूर्वांचल और बुंदेलखंड क्षेत्रों में टेक्नोलॉजी-ड्रिवेन फार्मिंग के साथ एग्रीकल्चरल प्रोडक्टिविटी बढ़ाने के लिए और दूसरा स्टेट में डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन लाने के लिए।
चीफ मिनिस्टर योगी आदित्यनाथ ने वर्ल्ड बैंक के प्रेजिडेंट अजय बंगा के साथ लखनऊ में ‘UP AGREES’ और ‘AI Pragya’ प्रोग्राम पेश किया, उन्होंने इंटरनेशनल फाइनेंसियल इंस्टीट्यूशन के “उत्तर प्रदेश को 1 ट्रिलियन डॉलर की इकॉनमी बनने के अपने लक्ष्य के करीब ले जाने में निरंतर सहयोग” की सराहना की।
योगी आदित्यनाथ ने कहा “अब दुनिया उत्तर प्रदेश को एक बाधा के रूप में नहीं, बल्कि भारत के ग्रोथ इंजन के रूप में देखती है।”
यूपी एग्रीस प्रोजेक्ट के तहत राज्य सरकार को छह साल की अवधि के लिए वर्ल्ड बैंक से 2,737 करोड़ रुपये का लोन मिलेगा, जिसका सीधा बेनिफिट फार्मर्स, फार्मर ऑर्गनाइजेशन, फिशर्स और एग्रीकल्चर-बेस्ड माइक्रो, स्माल और मीडियम इंटरप्राइजेज को मिलेगा, सरकार ने कहा। राज्य सरकार इस प्रोजेक्ट में 1,166 करोड़ रुपये का योगदान देगी, जबकि लोन अमाउंट को 35 वर्षों में केवल 1.23% की इंटरेस्ट रेट पर चुकाना होगा।
योगी आदित्यनाथ Yogi Adityanath ने कहा कि इस पहल का उद्देश्य पूर्वांचल और बुंदेलखंड के 28 जिलों में एग्रीकल्चर में क्रांति लाना और लगभग 10 लाख किसानों को लाभ पहुंचाना है, जिसमें 30% भागीदारी महिलाओं की होगी।
उन्होंने कहा कि यह प्रोग्राम किसानों को सहायता प्रदान करेगा तथा राज्य में एग्रीकल्चरल प्रोडक्शन में उल्लेखनीय वृद्धि करेगा। साथ ही 10,000 वोमेन प्रोड्यूसर ग्रुप को इस प्रोजेक्ट से जोड़ा जाएगा, जिसमें 500 किसानों को विदेश में भेजकर उन्हें बेस्ट फार्मिंग टेक्नोलॉजीज से परिचित कराना भी शामिल है, ताकि छोटे किसानों को मजबूत बनाया जा सके तथा क्षेत्रीय असमानताओं को कम किया जा सके।
‘एआई प्रज्ञा’ पहल के तहत राज्य सरकार का लक्ष्य 10 लाख युवाओं को एआई तथा अन्य उभरती डिजिटल टेक्नोलॉजीज में ट्रैन करना है। चीफ मिनिस्टर ने कहा कि यह प्रोग्राम एआई, मशीन लर्निंग, डेटा एनालिटिक्स तथा साइबर सिक्योरिटी जैसे प्रमुख क्षेत्रों में सर्टिफिकेशन प्रदान करेगा - जिससे राज्य में अधिक रोजगार के अवसर तथा एक संपन्न स्टार्टअप इकोसिस्टम का मार्ग प्रशस्त होगा।
इस पहल को एजुकेशन, हेल्थ, एग्रीकल्चर, रूरल डेवलपमेंट, रेवेनुए और सेक्रेटेरिएट एडमिनिस्ट्रेशन सहित विभिन्न स्टेट डिपार्टमेंट के सहयोग से लागू किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इससे न केवल युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर खुलेंगे, बल्कि सरकारी सर्विस, फार्मिंग, एजुकेशन और हेल्थकेयर जैसे प्रमुख क्षेत्रों में टेक्नोलॉजिकल एफिशिएंसी भी बढ़ेगी।
प्रोग्राम के हिस्से के रूप में माइक्रोसॉफ्ट, इंटेल, एचसीएल, वाधवानी फाउंडेशन, अमेज़ॅन, गूगल और 1एम1बी जैसी ग्लोबल टेक्नोलॉजी दिग्गज राज्य सरकार के साथ मिलकर पूरे राज्य में अपस्किलिंग पहल शुरू करेंगी।
वर्ल्ड बैंक के प्रेजिडेंट अजय बंगा Ajay Banga ने दावा किया कि राज्य के सभी क्षेत्रों में उल्लेखनीय परिवर्तन हुआ है। उन्होंने यूपी की “टूरिज्म, विशेष रूप से धार्मिक, कल्चरल और इको-टूरिज्म में अपार संभावनाओं” को पहचाना। उन्होंने कहा कि राज्य की रिच कलिनरी ट्रेडिशन और लोकल क्राफ्ट ग्लोबल पॉपुलैरिटी हासिल करने लगे हैं। अजय बंगा ने कहा कि ये यूनिक कल्चरल एसेट्स राज्य की लोकल इकॉनमी को और मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं।