यूनियन बजट 2024: मिडिल क्लास को नहीं मिलेगी एक्सपेक्टेड टैक्स रिलीफ

Share Us

357
यूनियन बजट 2024: मिडिल क्लास को नहीं मिलेगी एक्सपेक्टेड टैक्स रिलीफ
19 Jul 2024
6 min read

News Synopsis

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी Prime Minister Narendra Modi के नेतृत्व वाली सरकार के वीक मैंडेट और Reserve Bank of India द्वारा वर्ष 24 के लिए दिए गए 2.1 ट्रिलियन रुपये के भारी डिविडेंड को देखते हुए पॉपुलिस्म की ओर लीनिंग की उम्मीद है।

सरकार 23 जुलाई को वर्ष 2024-25 के लिए बजट पेश करने की तैयारी कर रही है, इसलिए मिडिल क्लास को ऐन्टिसपैटड टैक्स रिलीफ उपायों की उम्मीद नहीं है।

हालांकि घोषित किए जाने वाले उपायों को लेकर पॉजिटिव उम्मीदें हैं, लेकिन एक्सपर्ट्स का सजेशन है, कि मिडिल क्लास के लिए महत्वपूर्ण कर रिलीफ शायद ही संभव हो।

क्लाइंट एसोसिएट्स के सीओ-फाउंडर हिमांशु कोहली Himanshu Kohli Co-Founder of Client Associates ने कहा "सरकार 23 जुलाई को वर्ष 2024-25 के लिए पूर्ण बजट पेश करेगी और उस दिन घोषित किए जाने वाले उपायों को लेकर पहले से ही पॉजिटिव उम्मीदें हैं। अगर हम इस सरकार के ट्रैक रिकॉर्ड को देखें, तो यह हमेशा की तरह ही कारोबार करती रही है, और प्रमुख पॉलिसी घोषणाएं आम तौर पर बजट के बाहर की गई हैं।"

उम्मीद है, कि बजट ग्रोथ-फोकस्ड और रिफार्म-ओरिएंटेड होगा, जिसका उद्देश्य इंक्लूसिव इकनोमिक ग्रोथ को बढ़ावा देना होगा।

हिमांशु कोहली ने कहा कि सरकार अंतरिम बजट में बताए गए राजकोषीय घाटे के लक्ष्य को 5.1% से घटाकर 5% करके राजकोषीय विवेक बनाए रखेगी। भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा सरकार को लाभांश के रूप में रिकॉर्ड 2.11 ट्रिलियन रुपये हस्तांतरित करने का निर्णय राजकोषीय समेकन को बनाए रखने में सहायता करेगा।

हिमांशु कोहली ने कहा "हालांकि आम उम्मीद है, कि बजट में लोकलुभावन उपायों पर अधिक ध्यान दिया जाएगा, लेकिन हमारा मानना ​​है, कि सरकार अभी भी विवेकपूर्ण राजकोषीय प्रबंधन और इकनोमिक ग्रोथ को प्राथमिकता देगी।"

टीमलीज रेगटेक के डायरेक्टर और सीओ-फाउंडर संदीप अग्रवाल Sandeep Agrawal Director and Co-Founder of Teamlease Regtech ने कहा "हम 2023 के बजट में टैक्स स्ट्रक्चर में कुछ बड़े बदलाव देख चुके हैं। ऐसे में पाइपलाइन में कोई बड़ा बदलाव नहीं हो सकता है। हालांकि हम ऐसी घोषणाओं की उम्मीद कर सकते हैं, जो बिज़नेस करने में आसानी को बढ़ाएँ और स्थिरता सुनिश्चित करते हुए टैक्स सिस्टम को मजबूत करें। कि प्रत्यक्ष कर संहिता की दिशा में भी कुछ प्रगति होगी।"

संदीप अग्रवाल ने कहा कि जीएसटी के कार्यान्वयन से अप्रत्यक्ष टैक्स सिस्टम में सुधार हुआ है, और इसी प्रकार प्रत्यक्ष कर संहिता से कर का बोझ कम हो सकता है, तथा टैक्स स्ट्रक्चर सरल हो सकती है।

सरकार अपकमिंग बजट में मिडिल क्लास के लिए कर देनदारियों को कम करने के लिए नई टैक्स व्यवस्था में प्रत्येक स्लैब की सीमा बढ़ा सकती है। टेक्सपायर्स को नई व्यवस्था में शामिल करने के लिए छूट सीमा बढ़ाना एक लॉजिकल ऑप्शन होगा, जिससे डिस्पोजेबल आय बढ़ेगी और उनकी खर्च करने की क्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि होगी।

हालांकि यूनियन बजट 2024 के लिए पॉजिटिव उम्मीदें हैं, लेकिन मिडिल क्लास के लिए बहुप्रतीक्षित टैक्स रिलीफ केंद्रीय फोकस नहीं हो सकती है।