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'टॉम्ब ऑफ सैंड' को मिला अंतरराष्ट्रीय बुकर पुरस्कार

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'टॉम्ब ऑफ सैंड' को मिला अंतरराष्ट्रीय बुकर पुरस्कार
27 May 2022
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News Synopsis

भारतीय लेखिका Indian writer गीतांजलि श्री Gitanjali Shree के हिंदी उपन्यास रेत समाधि Hindi novel 'Reet Samadhi के अंग्रेजी अनुवाद टॉम्ब ऑफ सैंड Tomb of Sand को इस साल का बुकर पुरस्कार Booker Prize मिला है। अमेरिकन राइटर-पेंटर डेज़ी रॉकवेल American writer-painter Daisy Rockwell ने टॉम्ब ऑफ सैंड के नाम से इस उपन्यास का इंग्लिश में अनुवाद किया। यह उपन्यास दुनिया की उन 13 पुस्तकों में शामिल था, जिन्हें अंतरराष्ट्रीय बुकर पुरस्कार International Booker Prize की लिस्ट में शामिल किया गया था। टॉम्ब ऑफ सैंड बुकर जीतने वाली हिंदी भाषा की पहली किताब first book in Hindi language है। इसके साथ ही किसी भी भारतीय भाषा में अवॉर्ड जीतने वाली यह पहली किताब भी है।

इस पुरस्कार को जीतने के बाद उत्तर प्रदेश के मैनपुरी Mainpuri of Uttar Pradesh की गीतांजलि श्री ने कहा कि, वह काफी खुश हैं। खुशी जाहिर करते हुए उन्होंने कहा- “मैंने बुकर का सपना कभी नहीं देखा था। मैं चकित हूं, मैंने कभी नहीं सोचा था कि मैं ऐसा कर सकती हूं। आपको बता दें कि गीतांजलि श्री अब तक तीन उपन्यास और कथा संग्रह लिख चुकी हैं। उनके उपन्यासों और कथा संग्रह को अंग्रेजी, जर्मन, सर्बियन, फ्रेंच और कोरियन भाषाओं में अनुवाद हुआ है। गौरतलब है कि अंतर्राष्ट्रीय बुकर पुरस्कार हर साल यूके या आयरलैंड Ireland  में प्रकाशित उपन्यास के अनुवाद के लिए दिया जाता है। 

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इस उपन्यास में 80 वर्षीय बुजुर्ग विधवा की कहानी है, जो 1947 में भारत और पाकिस्तान के विभाजन  Partition of India and Pakistan के बाद अपने पति को खो देती है। इसके बाद वह गहरे अवसाद में चली जाती है।  काफी जद्दोजहद के बाद वह अपने अवसाद पर काबू पाती है और विभाजन के दौरान पीछे छूटे अतीत का सामना करने के लिए पाकिस्तान जाने का फैसला करती है।