मेक इन इंडिया अभियान की अनदेखी कर किराये पर ली चाइनीज़ मशीनें
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देश भर में भले चीन निर्मित उत्पादों China Made Products का बहिष्कार सरकार व निजी स्तर पर हो रहा हो लेकिन उत्तराखंड Uttarakhand में हालात अलग हैं। उत्तराखंड परिवहन निगम Uttarakhand Transport Corporation ने 1300 ई-टिकटिंग मशीनें E-ticketing Machines मंगाई हैं, जिन्हें अलग-अलग डिपो में बांटा जा रहा है। आपको बता दें कि लंबे समय से सभी डिपो मशीनों की मांग कर रहे थे। लेकिन रोडवेज प्रबंधन ने जो ई-टिकट मशीन परिचालकों को थमाई है, वह मेड इन चाइना Made in China है।
यह मशीन के बाहर ही साफ-साफ लिखा है। जबकि इससे पहले मेड इन इंडिया Make in India मशीनें ही परिचालकों को दी गई थीं। ऐसे में सवाल खड़ा होता है कि मेक इन इंडिया तकनीक को बढ़ावा देने के दौर में परिवहन निगम ने मेड इन चाइना की मशीनें 450 रुपये रोजाना के हिसाब से किराए पर क्यों ली होंगी।
इस बारे में परिवहन निगम के महाप्रबंधक दीप जैन का कहना है कि एंड्राइड मशीनें भारत में नहीं बनतीं। एम स्वाइड नाम की कंपनी एंड्राइड मशीनें उपलब्ध कराती है। जयपुर की एक कंपनी से तीन साल का अनुबंध कर यह मशीनें मंगाई गई हैं। पुरानी मशीनों के मुकाबले तकनीकी तौर पर यह काफी अपडेट है। दूसरी तरफ जीएम रोडवेज दीपक जैन Transport Corporation General Manager Deep Jain का कहना है कि इन मशीनों को किराए पर लेने से रोडवेज को नुकसान नहीं होगा।