इस लाल फल की खेती से कश्मीर के किसान हो रहे मालामाल

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कश्मीर Kashmir में बार-बार सूखे की मार की वजह से आर्थिक तंगी Economic crisis से जूझ रहे किसानों Farmers को लाल फल की जबरदस्त पैदावार tremendous yield ने माला माल कर दिया है। जम्मू-कश्मीर Jammu and Kashmir के भदरवाह Bhaderwah के भारोवा Bharova, खालो और शनात्रा गांव Khalo and Shanatra villages में जो किसी समय बार-बार सूखा पड़ता था जिससे वहां के किसान परेशान थे। लेकिन अब, वहां के किसानों ने बागबानी क्षेत्र farmers horticulture area में शानदार प्रदर्शन किया है।
यहां किसान इतालवी पीयर्स Italian pears यानी लाल रंग के फल की खेती cultivation of red fruits करते हैं जिसका सालाना उत्पादन annual production करीब 1.5 मीट्रिक टन है। इन इलाकों में बागबानी या फल उगाना किसानों के लिए आजीविका के एक अच्छे विकल्प के रूप में उभरकर सामने आया है। जबकि चेनाब घाटी क्षेत्र Chenab valley area के अन्य इलाकों में किसान फलों के बजाए मुख्य रूप से मक्का, धान जैसी फसल उगाने पर ज्यादा ध्यान देते हैं।
इसकी शुरुआत करीब दो दशक पहले हुई थी जब भरोवा गांव के हाजी मोहम्मद शफी शेख Haji Mohammad Shafi Sheikh ने मक्का के बजाए अपनी पांच एकड़ भूमि में बागबानी करने का फैसला किया। उन्होंने बताया, ‘‘मैंने 2002 में परंपरागत मक्का बुवाई traditional maize sowing के बजाए बागबानी करना शुरू किया। शुरू के चार साल बड़ी कठिनाईयां आईं लेकिन धीरे-धीरे आय साल के 20,000 रुपए से बढ़कर 25 लाख रुपए प्रतिवर्ष हो गई।’’