1 जुलाई से लागू होगा ये सिस्टम, बैंकिंग फ्रॉड रोकने में मिलेगी मदद

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ऑनलाइन बैकिंग फ्रॉड Online Banking Fraud को रोकने के लिए 1 जुलाई से टोकनाइजेशन सिस्टम Tokenization System लागू हो जाएगा। इसके लागू होने के बाद मर्चेंट Merchant, पेमेंट एग्रीगेटर और पेमेंट गेटवे Payment Aggregator & Payment Gateway ग्राहकों की कार्ड से जुड़ी जानकारी को स्टोर नहीं कर पाएंगे। टोकनाइजेशन सिस्टम लागू करने का उद्देश्य ऑनलाइन बैंकिंग फ्रॉड पर रोक लगाना है।
टोकनाइजेशन अनिवार्य नहीं है, लेकिन यह एक ही वेबसाइट या ऐप Website or App से बार-बार खरीदारी को आसान बना देता है। इसके लागू होने के बाद आपको अपने कार्ड की डिटेल्स किसी भी थर्ड पार्टी ऐप Third Party App के साथ शेयर नहीं करनी पड़ेगी। लेकिन अभी ऐसा नहीं है, अभी अगर आप ऑनलाइन खाना मंगवाते हैं या कैब बुक करते हैं तो आपको भविष्य के ट्रांजैक्शन Future Transactions को आसान बनाने के लिए कार्ड की डिटेल Card Details सेव करनी पड़ती है।
कार्ड डिटेल सेव होने के बाद अगले ट्रांजैक्शन में आपको केवल तीन अंकों का सीवीवी नंबर CVV Number दर्ज करना पड़ता है और सेकंड के भीतर पेमेंट हो जाता है। लेकिन, इससे फ्रॉड होने का खतरा लगातार बना रहता है। अगर वेबसाइट या ऐप हैक हो जाए तो कार्ड डेटा भी हैकर के पास चला जाता है। टोकनाइजेशन सिस्टम से ऐसा नहीं हो पाएगा। जिससे फ्रॉड से बचा जा सकेगा।