आज मिलेगा स्वदेशी विक्रांत, नौसेना की बढ़ेगी ताकत

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भारतीय नौसेना Indian Navy के लिए आज शुक्रवार का दिन बहुत ही अहम है। क्योंकि उसे पहला स्वदेशी विमान वाहक पोत First Indigenous Aircraft Carrier आईएनएस विक्रांत INS Vikrant मिलेने वाला है और अंग्रेजों British के जमाने के निशान से भी आजादी मिल जाएगी। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी Prime Minister Narendra Modi आईएनएस विक्रांत को देश के लिए समर्पित करेंगे। कोचीन शिपयार्ड Cochin Shipyard पर तैयार किए गए इस विमान वाहक पोत के निर्माण में 20,000 करोड़ रुपए की लागत आई है। इस पोत के आधिकारिक तौर पर शामिल होने से नौसेना की ताकत दोगुनी हो जाएगी। जबकि, मोदी कार्यक्रम के दौरान नौसेना के एक नए निशान New Marks (इनसाइन) का भी अनावरण करेंगे।
यह औपनिवेशक अतीत को पीछे छोड़ते हुए समृद्ध भारतीय समुद्री धरोहर Rich Indian Maritime Heritage का प्रतीक बन जाएगा। नौसेना के नए डिजाइन में एक सफेद ध्वज है, जिस पर क्षैतिज और लंबवत Horizontal and Vertical रूप में लाल रंग की दो पट्टियां हैं। साथ ही, भारत का राष्ट्रीय चिह्न (अशोक स्तंभ) दोनों पट्टियों के मिलन बिंदु पर अंकित है। भारतीय नौसेना के वर्तमान ध्वज के ऊपरी बाएं कोने में तिरंगे के साथ सेंट जॉर्ज क्रॉस St George's Cross है।
भारतीय नौसेना ब्रिटिश काल British Era में ही अस्तित्व में आ गई थी। दो अक्टूबर, 1934 को नौसेना सेवा का नाम बदलकर रॉयल इंडियन नेवी किया गया था। 26 जनवरी, 1950 को भारत के गणतंत्र बनने के साथ रॉयल को हटा दिया गया और इसे भारतीय नौसेना का नाम दिया गया। जबकि, ब्रिटेन के औपनिवेशिक झंडे Colonial Flags of Britain को नहीं हटाया गया। अब पीएम मोदी भारतीय नौसेना को नया ध्वज New Flag देंगे।