सुजुकी ने भारत के ऑटोमोबाइल मार्केट में पांच गुना वृद्धि का अनुमान लगाया

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सुजुकी मोटर कॉर्पोरेशन Suzuki Motor Corp ने भारत के ऑटोमोबाइल मार्केट में ड्रामेटिक विस्तार की उम्मीद जताई है, और अनुमान लगाया है, कि 2047 तक यह पांच गुना बढ़कर 20 मिलियन यूनिट तक पहुंच जाएगा। यह आशावादी पूर्वानुमान बैटरी इलेक्ट्रिक व्हीकल्स में आशाजनक वृद्धि से प्रेरित है, जैसा कि सुजुकी के एग्जीक्यूटिव वाईस प्रेसिडेंट केनिची आयुकावा Kenichi Ayukawa Suzuki's Executive Vice President ने कहा।
केनिची आयुकावा ने कहा जिसका लक्ष्य 2030 तक 50% मार्केट शेयर हासिल करना है, जो मार्च में समाप्त होने वाले वित्तीय वर्ष में मौजूदा 40% से अधिक है। कि इंडियन मार्केट मध्य से लंबी अवधि में विस्तार करेगा।"
भारत का बढ़ता मध्यम वर्ग और एक इकनोमिक पावरहाउस के रूप में इसका उभरना सुजुकी के विकास के लिए उपजाऊ जमीन प्रदान करता है। 1983 से भारत में एक्टिव कंपनी ने स्विफ्ट और ब्रेज़ा जैसे लोकप्रिय मॉडलों के साथ महत्वपूर्ण सफलता हासिल की है। अपने मार्केट लीडरशिप को बनाए रखने के लिए सुजुकी अगले साल भारत और यूरोप में अपनी पहली ईवी पेश करने की योजना बना रही है, जो इस जनवरी में भारत में होने वाले ऑटो एक्सपो में अपने बड़े पैमाने पर प्रोडक्शन मॉडल का प्रदर्शन करेगी।
केनिची आयुकावा ने कहा "हम प्रोडक्ट्स डेवेलप करेंगे, निवेश करेंगे और अपने नेटवर्क का विस्तार करेंगे।" उन्होंने इनोवेशन और मार्केट विस्तार के प्रति सुजुकी की प्रतिबद्धता पर जोर दिया।
सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स के अनुसार मार्च में समाप्त होने वाले वित्तीय वर्ष में भारत में 4.2 मिलियन पैसेंजर व्हीकल्स की सेल हुई। पिछले साल अमेरिका में 3.1 मिलियन पैसेंजर कारें बेची गईं, जबकि यूरोप में 15 मिलियन यूनिट की सेल दर्ज की गई। इंटरनेशनल ऑर्गनाइजेशन ऑफ मोटर व्हीकल मैन्युफैक्चरर्स के अनुसार चीन 26 मिलियनपैसेंजर व्हीकल्स की सेल के साथ ग्लोबल स्तर पर सबसे बड़ा ऑटोमोबाइल मार्केट बना हुआ है।
सुजुकी का अपकमिंग ईवीएक्स एक प्रीमियम इलेक्ट्रिक व्हीकल होगा, लेकिन कंपनी हल्की बैटरी वाले अधिक अफोर्डेबल और कॉम्पैक्ट मॉडल पेश करने की योजना बना रही है। और 2030 तक भारत में सुजुकी की सेल में ईवी का हिस्सा 15% होगा, जो देश में ईवी की मांग को बढ़ाने वाले पर्यावरणीय मुद्दों पर प्रकाश डालता है। कारों पर अधिक खर्च करने की बढ़ती इच्छा के बावजूद, केनिची आयुकावा ने कहा कि "भारत एक प्राइस-कॉन्ससियस मार्केट बना हुआ है"।
इंडियन मार्केट में क्रॉसओवर और स्पोर्ट-यूटिलिटी व्हीकल्स के लिए बढ़ती प्राथमिकता भी देखी जा रही है, ऐसे क्षेत्र जहां प्रतिस्पर्धा बहुत कड़ी है, खासकर टाटा मोटर्स लिमिटेड और महिंद्रा जैसे मजबूत दावेदारों के साथ। भारत की तीसरी सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनी टाटा अपने टियागो और नेक्सन मॉडल के साथ पूरी तरह से इलेक्ट्रिक सेगमेंट में अग्रणी है, और इसका लक्ष्य 2026 की शुरुआत तक अपने ईवी बिज़नेस को लाभदायक बनाना है।
सुजुकी एवरीडे के इस्तेमाल के लिए मॉडल पर ध्यान केंद्रित करेगी, जिससे नई बैटरी के प्रकारों का विकास करना ज़रूरी हो जाएगा। केनिची आयुकावा ने अगले 5 से 10 सालों में सुजुकी द्वारा बैटरी सेल का डोमेस्टिक प्रोडक्शन शुरू करने की संभावना का ज़िक्र किया।
टोयोटा मोटर कॉर्प के साथ साझेदारी के बारे में सुजुकी छोटी कारों पर ध्यान केंद्रित करेगी, जबकि टोयोटा बड़े मॉडल संभालेगी। 2019 में टोयोटा द्वारा सुजुकी में 5% शेयर हासिल करने के साथ शुरू किया गया यह सहयोग सुजुकी के प्रोडक्ट विकास को बढ़ाने के लिए टोयोटा की ईवी टेक्नोलॉजी का भी लाभ उठाता है।
सुजुकी को सीएनजी से चलने वाली कारों में भी संभावनाएं दिखती हैं, जो भारत में गैसोलीन से ज़्यादा किफायती हैं। मारुति सुजुकी ने पिछले वित्तीय वर्ष में 483,000 सीएनजी कारें बेचीं, जो पिछले वर्ष की तुलना में 47% की वृद्धि को दर्शाता है।
केनिची आयुकावा ने कहा कि सुजुकी ने गाय के गोबर से मीथेन को सीएनजी में बदलने वाले चार प्लांट को चालू करने की योजना बनाई है, जिसमें अवशिष्ट जैविक उर्वरक के बड़े पैमाने पर मुद्रीकरण जैसी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। यह इनोवेटिव एप्रोच तेजी से बढ़ते इंडियन मार्केट में सस्टेनेबल विकास और पर्यावरणीय जिम्मेदारी के लिए सुजुकी की प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है।