आरबीआई का यू-टर्न, बैंकों के निजीकरण को गलत ठहराया था, अब ये कहा

News Synopsis
भारत India के केंद्रीय बैंक Central bank रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया Reserve bank of India ने हाल ही में कही गई अपनी बात से यू-टर्न U-turn ले लिया है। देश के केंद्रीय बैंक Central bank ने अपनी ओर से सफाई जारी करते हुए कहा है कि उसके बुलेटिन में बैंकों के निजीकरण Privatization of banks पर जो बात कही गई है वह लेखक के निजी विचार हैं। रिजर्व बैंक Reserve bank इससे सहमत नहीं है। यह आरबीआई के नजरिए को व्यक्त नहीं करता है। ध्यान देने वाली बात ये है कि आरबीआई की ओर से हाल ही में जारी बुलेटिन में कहा गया है कि देश में बैंकों का निजीकरण सोच-समझ कर होना चाहिए।
इसमें कहा गया है कि बैंकों का तेजी से निजीकरण करना सही नहीं होगा। अब आरबीआई ने इस मामले में अपनी तरफ से स्पष्टीकरण जारी करते हुए कहा है कि कुछ मीडिया रिपोर्टस में यह बात कही जा रही है कि आरबीआई सार्वजनिक Public sector क्षेत्र के बैंकों के निजीकरण से सहमत नहीं है। इन रिपोर्ट्स में आरबीआई की ओर से जारी बुलेटिन Privatisation of PSBs an alternate perspective का हवाला दिया जा रहा है। आरबीआई का कहना है कि इस रिपोर्ट को आरबीआई के रिसर्चरों ने तैयार किया है। इस लेख में व्यक्त किए गए विचार लेखक के निजी हैं।
यह आरबीआई के नजरिए को व्यक्त नहीं करता है। आरबीआई इससे सहमत नहीं है। गौर करने वाली बात ये है कि आरबीआई की ओर से जारी बुलेटिन में कहा गया है कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक फाइनेंशियल इनक्लूजन Banks financial inclusion में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। इनका निजीकरण सोच-समझकर किया जाना चाहिए। बुलेटिन में कहा गया है कि निजी बैंकों का मुख्य उद्देश्य मुनाफा बढ़ाना है, जबकि सरकारी बैंकोंं का उद्देश्य समाजिक लक्ष्यों को पूरा करने में मदद करना है।